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जिग्नेश मेवाणी सहित 9 अन्य लोगों को कोर्ट ने सुनाई तीन महा की सजा, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Thursday, May 5, 2022

मुंबई, 5 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। गुजरात के मेहसाणा शहर की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने वडगाम के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी सहित 9 अन्य लोगों को पुलिस की इजाजत के बिना रैली करने के मामले में दोषी ठहराया है। कोर्ट ने सभी लोगो पर IPC की धारा 143 के तहत तीन महीने की कैद और एक-एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। एडिशनल चीफ जस्टिस जे ए परमार की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'रैली करना अपराध नहीं है, लेकिन बिना इजाजत रैली करना अपराध है।' कोर्ट ने आगे कहा कि आरोपी कार्यकारी मजिस्ट्रेट के आदेश को बड़े अधिकारियों के समक्ष चुनौती दे सकते थे और फिर उचित अनुमति मिलने के बाद रैली कर सकते थे।

जिग्नेश मेवाणी को हाल ही में असम कोर्ट से दो मामलों में जमानत मिली है। पहला मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक आपत्तिजनक ट्वीट से जुड़ा था। इस मामले में उन्हें 21 अप्रैल को गुवाहाटी से गिरफ्तार किया गया था। चार दिनों की कस्टडी के बाद उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन इसी दिन यानी कि 25 अप्रैल को उन्हें एक महिला पुलिसकर्मी से अभद्रता करने के आरोप में दोबारा अरेस्ट कर 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया था। हालांकि, 29 अप्रैल को इस मामले में भी उन्हें जमानत मिल गई थी।

क्या है पूरा मामला - 

मामला 12 जुलाई, 2017 का है जब मेवाणी ने मेहसाणा में बिना इजाजत रैली की थी। ऊना में कुछ दलितों की पिटाई के मामले को लेकर मेवाणी और उनके समर्थकों ने बनासकांठा जिले के धनेरा तक ‘आजादी कूच’ का नेतृत्व किया था। दलितों की पिटाई के मामले ने तब काफी तूल पकड़ा था। मेवाणी के सहयोगियों में से एक कौशिक परमार ने मेहसाना के कार्यकारी मजिस्ट्रेट से राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के बैनर तले रैली करने की अनुमति मांगी थी, इसके लिए शुरू में अनुमति दे दी गई थी, लेकिन हालात बिगड़ने की आशंका के चलते प्रशासन ने इसे बाद में रद्द कर दिया था। इसके बावजूद आयोजकों ने रैली निकाली थी। आपको बता दे इस रैली में जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष (अब कांग्रेस में) कन्हैया कुमार भी शामिल हुए थे। हालांकि, कन्हैया कुमार सुनवाई के दौरान अनुपस्थित थे, लिहाजा कोर्ट ने कन्हैया कुमार के अदालत के समक्ष पेश ना होने पर अलग से सुनवाई करने का आदेश पारित किया था। जिसके बाद अदालत ने कन्हैया कुमार और एक अन्य आरोपी को छोड़कर पिछले साल अप्रैल में मेवाणी सहित 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा शुरू किया था। इनमें से एक अन्य आरोपी की मौत हो चुकी है।


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