मुंबई, 28 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी मनीष सिसोदिया को जमानत नहीं दी। फैसला स्पेशल जज एमके नागपाल ने सुनाया। उन्होंने कहा कि आपराधिक साजिश के पीछे असली दिमाग सिसोदिया का था। जस्टिस नागपाल का मानना है कि सिसोदिया ने ही शराब विक्रेताओं की योग्यता और उनके प्रॉफिट मार्जिन को बदला था। सिसोदिया ने यह काम मंत्रियों से चर्चा के बिना किया था। सिसोदिया ने साउथ लॉबी की जरूरतों के मुताबिक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स रिपोर्ट को बदला था। ED के पास इस बात के सबूत हैं कि सिसोदिया मनी लॉन्ड्रिंग क्राइम में शामिल हैं। इसलिए सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज की जाती है। हालांकि, सिसोदिया के वकील दयान कृष्णन ने कहा है कि वे इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। एक दिन पहले CBI केस में सिसोदिया की कस्टडी 12 मई तक बढ़ा दी गई। वहीं, इस केस में सिसोदिया के साथ आरोपी बनाए गए राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा की जमानत याचिकाओं पर फैसला 6 मई को आएगा।
इससे पहले, बीते दिन दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने ही शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के केस में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ा दी है। स्पेशल जज एमके नागपाल ने CBI को निर्देश दिया कि वह 25 अप्रैल को दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट की ई कॉपी सिसोदिया के वकील को उपलब्ध कराए। दरअसल, मनीष सिसोदिया के वकील ऋषिकेश ने तर्क दिया था कि अधूरी चार्जशीट या अधूरी जांच के आधार पर उन्हें जमानत दी जा सकती है। CBI केस में जमानत को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई के दौरान बेंच ने CBI से कहा कि अगर आपके पास वो सबूत हैं, जिन पर आपको भरोसा है, तो हमें भी दिखाएं। ASG ने CBI की तरफ से दलील दी थी कि सिसोदिया लोगों पर दबाव बनाने में सक्षम हैं। जिस दिन उन्हें गिरफ्तार किया गया था, उन्होंने अपना फोन तोड़ दिया था। इस पर कोर्ट ने सबूत मांगते हुए पूछा था, आपके पास सबूत हैं। जमानत के फेज में हम बहुत डीटेल में नहीं जा सकते। आप सबूत दिखाएं जिन पर आप खुद भरोसा कर रहे हैं।