नई दिल्ली , 30 अगस्त ( न्यूज हेल्पलाइन)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देशवासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ आप सभी को जन्माष्टमी की ढेरों शुभकामनाएं। जय श्रीकृष्ण!’’ वहीं दूसरी ओर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी जन्माष्टमी के मौके पर देशभर के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं।राष्ट्रपति ने ट्विट के जरिए लिखा जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण के जीवन-चरित के बारे में जानने और उनके संदेशों के प्रति स्वयं को समर्पित करने का अवसर है।मेरी कामना है कि यह त्योहार सभी के जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि का संचार करे।
इसके साथ ही इस खास मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ट्विटर पर बधाई संदेश देते हुए लिखा जन्माष्टमी के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं! श्रीमद् भगवद् गीता में भगवान कृष्ण का निष्काम भाव से कर्म करने का शाश्वत संदेश संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा रहा है। उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा इस पावन दिवस पर हम सभी पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने और सच्चाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लें।जन्माष्टमी का यह पर्व हमारे देश में शांति, सौहार्द और समृद्धि लेकर आए।
इसके साथ ही देश के गृहमंत्री ने भी लोगों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा समस्त देशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं,जय श्री कृष्णा! ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था और उनके जन्म का जश्न मनाने के लिए ही देशभर में जन्माष्टमी मनाई जाती है।हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmasthami) का त्योहार मनाया जाता है। सावन में जैसे भगवान शिव की पूजा होती है उसी तरह भादों मास में श्री कृष्ण की पूजा और उपवास का महत्व होता है, इस बार श्रीकृष्ण का 5247वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।
रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 80वें संस्करण को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, 'जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्म का त्योहार है। हम भगवान के सभी रूपों से परिचित हैं। नटखट कन्हैया कृष्ण का विराट रूप धारण करने वाला, शास्त्रों में पारंगत से लेकर शस्त्रागार तक। कला हो, सौंदर्य हो, आकर्षण हो, जहां कृष्ण नहीं हैं। लेकिन मैं यह सब इसलिए कह रहा हूं क्योंकि जन्माष्टमी के कुछ दिन पहले मैं एक दिलचस्प अनुभव से गुजरा था। इसलिए मुझे लगा कि मुझे आपसे इस बारे में बात करनी चाहिए। आप जानते ही होंगे कि इस महीने की 20 तारीख को भगवान सोमनाथ मंदिर से संबंधित निर्माण कार्य लोगों को समर्पित किया गया है।"उन्होंने कहा कि सोमनाथ मंदिर से लगभग 3-4 किलोमीटर दूर भालका तीर्थ है जो वह स्थान है जहां भगवान कृष्ण ने पृथ्वी पर अपने अंतिम क्षण बिताए थे।जन्माष्टमी भगवान कृष्ण की जयंती को चिह्नित करने के लिए पूरे देश में हर साल मनाई जाती है। श्रद्धालु उपवास रखकर और मंदिरों में प्रार्थना करके दिन का पालन करते हैं।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भगवान विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण का जन्म भाद्र महीने के आठवें दिन हुआ था। पश्चिमी कैलेंडर के अनुसार यह दिन ज्यादातर अगस्त या सितंबर के महीनों में पड़ता है।