सूरत,2 जुलाई 2021
ट्रेनों में रात के सफर के दौरान चोरी का अक्सर मामला सामने आ रहा था जिसमे आरोपी ट्रेन के बीच रास्ते में रुकने से चढ़ जाते थे और यात्रियों का पर्स मोबाइल और पैसे चोरी किया करते थे। ऐसे चार आरोपी पकड़े गए जो मेन लाइन की ट्रेनों को निशाना बनाते थे और ट्रेन को रोकने के लिए बेहद शातिराना तरिका अपनाते थे। ये आरोपी इतने शातिर थे कि रेल ट्रैक पर लगे सर्किट में सिक्के फंसा देते थे जिससे सिग्नल रेड हो जाता था और ये ट्रेन के रुकने पर उसमे सवार हो जाते थे। और इसी दौरान सोते हुए यात्रियों के सामान चोरी किया करते थे। सूरत-भरुच,सूरत -वापी और सूरत -नंदुरबार के बीच 19 से 25 जून के बीच इन्होने तीन मामलों को अंजाम दिया था। ये मेन लाइन की ट्रेनों को निशाना बनाते थे जबकि इन्ही के गिरोह के कुछ सदस्य ताप्ती लाइन पर भी सूरत -नंदुरबार के बीच सक्रिय थे।
इन ट्रेनों को बनाते थे निशाना
ये शातिर बदमाश मेन लाइन और ताप्ती लाइन की ट्रेनों को निशाना बनाते थे और इनका कारनामा वापी से लेकर कोटा तक चलता था। 19 जून को भरुच से सूरत के बीच अवंतिका एक्सप्रेस में चोरी के मामले सामने आए जिसमे इन्होने ट्रैक सर्किट में सिक्के फंसा कर सिग्नल रेड कर ट्रेन रोकी और जबकि 20 जून को सूरत -वापी के बीच इन्होने बांद्रा -भुज एक्सप्रेस को ट्रैक सर्किट में सिक्के डाल कर ट्रेन को रेड सिग्नल करा कर रोक लिया और चोरी के मामले को अंजाम दिया। जबकि 25 जून को नंदुरबार -सूरत सेक्शन के बीच ताप्ती लाइन पर पोरबंदर -हावड़ा एक्सप्रेस को ट्रैक सर्किट पर सिक्के फंसा कर ट्रेन रोकी और उसमे चोरी के मामले को अंजाम दिया। रेलवे पुलिस ने बताया कि ये तीनो फ्रेश मामले हैं जबकि अभी इनसे यह जानने की कोशिश हो रही है कि इन्होने और कितने मामले को अंजाम दिया। इस तीन घटना के अलावा इन्होने राजस्थान और मध्य्प्रदेश ,औरंगाबाद में भी ऐसे मामलों को अंजाम दिया।
ऐसे करते थे कारनामा
आरोपियों पहले से ट्रेनों का टाइमिंग पता कर रखते थे और सेक्शन के बीच ऐसे ट्रैक सर्किट खोज कर रखते थे जहां सिग्नल लगे होते थे साथ ही नेट पर विभिन्न एप के जरिये लाइव रनिंग स्टेटस से ट्रेन को ट्रैक करते रहते थे और ट्रेन के आने से पहले ही अपने द्वारा चुने ट्रैक सर्किट सिग्नलिंग पॉइंट पर खड़े रहते थे। ट्रैक सर्किट का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योंकि किसी ट्रेन के वहां से गुजरने के बाद सिग्नल ऑटोमैटिक रेड हो जाता है ताकि इसके पीछे आने वाली ट्रेन के बीच में गैप मेंटेन रहे। लेकिन सर्किट में अगर किसी धातु या सिक्के को फंसा दिया जाए तो ऐसे में सिग्नल रेड हो जाता है और स्टेशन मास्टर को संकेत मिलता है कि ट्रैक में फेलियर या फ्रेक्चर की समस्या है जिससे ट्रेन रोक दी जाती है।
हरियाणा से पकड़े गए --
इस गिरोह के पकड़ने के लिए पश्चिम रेलवे की लगभग सभी पुलिस इकाई लगी हुई थी। आरोपियों को पकड़ने के लिए जगह -जगह ट्रैक सर्किट फेलियर वाली घटना स्थल के लिए औरंगाबाद वाली घटना के दिन आस पास गाड़ियों को सीसीटीवी से खंगाला गया इसमें एक संदिग्ध गाड़ी का पता चला जिसका रिकॉर्ड देखा गया तो किसी दीपक नाम के युवक की गाड़ी थी और वह हरियाणा में जिसे पकड़ने के इंदौर रेल पुलिस रवाना हुई और वहां से चार आरोपी दीपक,सोनी ,राहुल औरवाल्मीक को पकड़ा इसमें उन्होंने इन घटनाओ की बात कबूली,और इसमें कितने लोग शामिल है इसकी जांच की जा रही।
बॉक्स --
इनके पास से 13 लाख 87 हजार के सामान जब्त
गुजरात रेलवे पुलिस (वडोदरा मुख्यालय ) में हरियाणा से पकड़े गए चारों आरोपियों को गुरूवार को लाया गया। चारो आरोपियों ने बताया कि उन्होंने यात्रियों से गोल्ड,मोबाइल फ़ोन,समेत अन्य सामानो की चोरी की जिसे रेलवे पुलिस ने जब्त किया इन सब की कीमत कुल 1387530 रुपए रही। सभी आरोपी हरियाणा से पकड़े गए जिन्हे गुजरात रेलवे पुलिस के हवाले किया गया।