चंडीगढ़, 28 जनवरी (न्यूज़ हेल्पलाइन) आज शुक्रवार 28 जनवरी को नवजोत सिंह सिद्धू की तथाकथित बहन सुमन तूर ने एक वीडियो जारी कर के पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और कांग्रेस के संभावित मुख्यमंत्री उम्मीदवार नवजोत सिंह सिधु पर गंभीर पारिवारिक इल्जाम लगाए हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव के मतदान से ठीक 23 दिन पहले लगाए गए आरोपों का पंजाब विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की सत्ता वापसी के अभियान पर प्रभाव पड़ेगा, ऐसा दिखाई दे रहा है। विशेषतः नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब के अगले मुख्यमंत्री बनने की मंसा को ये आरोप प्रभावित करेंगे, इस बात का अंदाज़ा साफ-साफ लगाया जा सकता है।
ज्ञात हो कि आज शुक्रवार की दोपहर एक वीडियो जारी हुआ, जिसमें एक औरत जिसका नाम सुमन तूर है, और जो खुद को नवजोत सिंह सिधु की बहन बता रही है, ने सिद्धू पर झूठ बोलने का आरोप लगाया कि वह जब मात्र 2 साल के थे तभी उनके मां-बाप अलग हो गए थे। सुमन तूर के मुताबिक वास्तविकता में 1986 में उनकी और सिद्धू के पिताजी की मृत्यु हो गई थी। उसके बाद सिद्धू ने अपनी मां और बहनों को घर से निकाल दिया और पैतृक संपत्ति पर कब्जा कर लिया। उसके बाद उनकी मां की मृत्यु दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बेसहारा अवस्था में हो गई। सुमन तूर के मुताबिक उन्होंने अमेरिका में रहते हुए सिधु से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया, मगर सिद्धू ने संपत्ति के लालच में उनका नम्बर ब्लॉक कर दिया।
अब सिधु की इस तथाकथित बहन सुमन तूर के आरोपों पर नवजोत सिंह सिधु की क्या सफाई आती है, यह तो भविष्य में ही ज्ञात होगा, मगर इस प्रकरण का पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में प्रभाव पड़ेगा यह लगभग तय है। कांग्रेस को इसका घाटा होगा यह भी लगभग तय है। सिधु की कांग्रेस मुख्यमंत्री बनने की दावेदारी प्रभावित होगी और चरणजीत सिंह चन्नी की मज़बूत होगी, यह भी लगभग तय है।
बता दें कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिधु ने पंजाब कांग्रेस की वर्चस्व की लड़ाई में अपनी दावेदारी कुछ इस तरह से प्रस्तुत की कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ गया। परिणाम यह हुआ कि कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ कर एक नई पार्टी बना ली, जो अब भाजपा के साथ मिलकर पंजाब विधानसभा के चुनाव लड़ रही है। हालांकि कांग्रेस ने सिधु को मुख्यमंत्री न बनाकर चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बना दिया।
चूंकि चन्नी दलित बिरादरी से आते हैं,और साथ ही उन्होंने कम समय में ही पंजाब के अंदर अपनी पैठ भी बना ली है, इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से चन्नी और सिधु दावेदारी करते हुए दिखाई दे रहे थे। मगर इस प्रकरण के बाद चन्नी को निश्चित रूप से फायदा होगा। फायदा तो दूसरी पार्टियों जैसे AAP, अकाली, भाजपा आदि को भी होगा। ये सभी पार्टियां सिधु के इस प्रकरण का चुनाव प्रचार में फायदा उठाने का पूरा प्रयास करेगी।
नवजोत सिंह सिधु के इस प्रकरण के बाहर आने के बाद एक दल अभी राहत की सांस ले रहा होगा, और वह दल है आम आदमी पार्टी (AAP)। ज्ञात हो कि AAP नवोजोत सिंह सिधु को अपने दल में शामिल करने के प्रयास में था, मगर बात नहीं बन पाई थी। अभी चूंकि AAP पंजाब में बहुत मजबूती के साथ डटा हुआ है, और ऐसे में सिधु का यह प्रकरण सामने आया है, तो AAP निश्चिन्त रूप से राहत की सांस ही ले रहा होगा।