बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां झारखंड में मुठभेड़ में घायल एक नक्सली गुपचुप तरीके से इलाज के लिए वाराणसी के निजी अस्पताल में भर्ती हुआ था। यह मामला लंका थाना क्षेत्र के नरिया इलाके में स्थित 'साईं मेडिसिटी हॉस्पिटल' से जुड़ा है। अस्पताल ने बिना पुलिस को सूचना दिए नक्सली का इलाज शुरू कर दिया, जिससे अब प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
17 मई को झारखंड के पलामू में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें नक्सली मिथिलेश यादव पेट में चार गोलियां लगने के बावजूद भाग निकला था। वह दो दिन तक छिपा रहा और 19 मई को अपने चार साथियों के साथ वाराणसी पहुंचा। इसके बाद वह साईं मेडिसिटी हॉस्पिटल में भर्ती हुआ, लेकिन पुलिस को इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई।
झारखंड पुलिस द्वारा साझा की गई एक गोपनीय सूचना के आधार पर वाराणसी पुलिस हरकत में आई और अस्पताल में छापा मारा। जांच के दौरान घायल व्यक्ति की पहचान नक्सली मिथिलेश यादव के रूप में हुई। फिलहाल उसे कस्टडी में लेकर अस्पताल में ही इलाज कराया जा रहा है। वहीं पुलिस ने सीएमओ को पत्र लिखकर अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
इस घटना के उजागर होते ही जिला प्रशासन और पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। साईं मेडिसिटी हॉस्पिटल की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है और उनसे पूछताछ की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां अब इस बात की जांच कर रही हैं कि नक्सली वाराणसी कैसे पहुंचा, और उसके साथ आए चार अन्य लोग कौन थे। जांच इस बात पर भी केंद्रित है कि क्या अस्पताल को पहले से उसकी पहचान की जानकारी थी।