वाराणसी। लंका के रोहित नगर से नकली कोविड़ वैक्सीन बनाने वाले गैंग के गिरफ्तार 5 आरोपियों ने उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स (STF) से 10 घंटे तक हुई पूछताछ में कई राज उगल दिए है। इस गैंग का सरगना दिल्ली में रहकर पूरे नेक्सेंस को चलाता है, और लक्ष्य जावा के माध्यम से नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन, कोविड वैक्सीन और कोविड टेस्ट किट बनारस से दिल्ली मंगवाकर केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के प्राइवेट अस्पताल और लैब में भेजता था।
इस गिरोह के लोग कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वॉट्सऐप और टेलीग्राम ग्रुप्स के माध्यम से एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। अब UP STF का फोकस इस प्रकरण में नामजद अन्य 9 आरोपियों को गिरफ्तार करने पर है। इसके मद्देनजर वाराणसी और दिल्ली में कार्रवाई के लिए 3 अलग-अलग टीम बनाई गई हैं। STF के अफसरों का कहना है कि आरोपियों के पास से बरामद हुए 6 मोबाइल की मदद से गिरोह के सरगना और उसके नेटवर्क के नेक्सस को ध्वस्त करने में बड़ी मदद मिलेगी।
गिरफ्तार वाराणसी के सिद्धगिरी बाग का राकेश थावानी, पठानी टोला चौक का संदीप शर्मा उर्फ मक्कू, बौलिया लहरतारा का अरुणेश विश्वकर्मा, बलिया जिले के रसड़ा थाना के नागपुर मोतिअरा का शमशेर सिंह और नई दिल्ली के मालवीय नगर के लक्ष्य जावा ने बताया कि वह रोहित नगर में वह साधारण तरीके से रहकर किसी से मतलब न रखते हुए गुपचुप अपना गोरखधंधा संचालित करते थे। वाराणसी और आसपास के जिलों में उन्होंने नकली वैक्सीन, इंजेक्शन और टेस्ट किट की सप्लाई कभी किसी को नहीं दी। इन सबके बारे में स्थानीय स्तर पर कभी किसी से बात भी नहीं की। नकली दवाओं की छोटी-छोटी खेप ज्यादातर सड़क मार्ग से दिल्ली पहुंचाई जाती थी। आपसी बातचीत, नकली दवाइयों की खेप ले जाने और ठिकाने तक पहुंचाने के दौरान गिरोह के सदस्य वॉट्सऐप और टेलीग्राम कॉल के सहारे ही एक-दूसरे के संपर्क में रहते थे।