-ऑक्सीजन का स्तर 95 से कम होने पर पेट के बल लेटना जरूरी, दायें एवं बाएं करवट सोने से भी मिलती है राहत
वाराणसी, 26 अप्रैल। कोरोना संकट काल में लोगों में बढ़ते आक्सीजन संकट को देख चिकित्सकों ने कुछ देर पेट के बल सोने को कहा है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण कई कोरोना पॉजिटिव को अस्पताल जाने की जरूरत भी पड़ रही है। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज अपने सोने के पोजीशन में थोड़ा बदलाव कर ऑक्सीजन की कमी को दूर कर सकते हैं।
सोमवार को ये जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ वीबी सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि यदि किसी कोरोना पाजिटिव को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो एवं ऑक्सीजन लेवल 95 से घट गया हो तो ऐसे लोगों को पेट के बल सोने की सलाह दी गयी है। इसके लिए सबसे पहले वह पेट के बल लेटें । एक या दो तकिया छाती के नीचे रख लें एवं दो तकिया पैर के टखने के नीचे रखें। इस तरह से 30 मिनट से दो घंटे तक सो सकते हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया है कि होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों की तापमान की जाँच, आक्सीजन के स्तर, ब्लड प्रेसर एवं शुगर की नियमित जाँच होनी चाहिए।
गर्भवती, हृदय एवं स्पाइन रोगी पेट के बल सोने से करें परहेज
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाएं पेट के बल सोने से परहेज करें। इसी तरह वेनस थ्रोम्बोसिस, नसों में खून के बहाव को लेकर कोई समस्या ,गंभीर हृदय रोग, स्पाइन, फीमर एवं पेल्विक फ्रैक्चर की स्थिति में पेट के बल सोने से बचने का प्रयास करना चाहिए।