वाराणसी। धर्म नगरी काशी में आज बालाजी सरकार की विधि-विधान से प्राण प्रतिष्ठा की गई। धर्मसम्राट करपात्री जी महाराज की कर्मस्थली दुर्गाकुंड स्थित धर्मसंघ परिसर में बालाजी सरकार के साथ भैरवबाबा और प्रेतराज सरकार के मूल विग्रह के पाषाण कृतियों को स्थापित किया गया है। तीन दिवसीय अनुष्ठान की पूर्णाहुति के साथ ही विधि-विधान से प्राण-प्रतिष्ठा के अनुष्ठान पूरे किए गए। आम श्रद्धालुओं के लिए बालाजी का दरबार शनिवार से खुल जाएगा।
धर्मसंघ पीठाधीश्वर शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज के सानिध्य में तीनों विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान हुई। आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मण और 121 बटुकों ने वेदमंत्रों का पाठ किया।
धर्मसंघ के महामंत्री जगजीतन पांडेय ने बताया कि मुख्य यजमान दिल्ली के जय नारायण अग्रवाल ने अश्विनी नक्षत्र के अभिजित मुहूर्त में शुद्धि सिंचन, दशविध स्नान सहित अनय वैदिक रीतियों का प्रतिपादन करके प्राण-प्रतिष्ठा पूजा को पूरा किया। इसके बाद भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया।
धर्मसंघ के सचिव जगजीतन पांडेय ने बताया कि धर्मसम्राट स्वामी श्री करपात्री जी महाराज द्वारा स्थापित धर्मसंघ शिक्षा मंडल में बने मणिमंदिर में श्री रामदरबार, 151 नर्वदेश्वर शिवलिंग के साथ स्फटिक के द्वादश ज्योतिर्लिंग स्वरूप स्थापित हैं। अब परिसर में ही मेहंदीपुर बालाजी का देवालय बनाया गया है। बालाजी दरबार से जुडे़ आचार्य महेश चंद्र मिश्र रविवार को दोपहर सवामनी का भोग लगाकर 12 से 3 बजे तक दरबार लगाएंगे।