वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में रविवार दोपहर हुए बवाल के बाद ABVP ने लंका थाने में 18 लोगों पर SC/ST एक्ट के तहत FIR दर्ज कराई है। जिसमें हिंदू धर्म का अपमान, धार्मिक वैमनस्यता फैलाने, मारपीट, छेड़खानी, अभद्रता समेत कई गंभीर आरोप लगाया गया है। वहीं, NSUI-BHU इकाई का कहना है कि उनके लोग वहां थे ही नहीं, ये आरोप बेबुनियाद है। वो मारपीट AISA और ABVP संगठन के बीच हुई थी।
ABVP का आरोप
ABVP के सदस्यों ने कहा कि रविवार की दोपहर कई छात्र-छात्राओं और महिला गार्डों के साथ मारपीट की गई। उनके हाथ-पैर तोड़ दिए गए। साथ ही, इन्होंने आरोप लगाया कि मारपीट करने वाले ज्यादातर छात्र बाहरी थे। वो लोग हिंदुत्व तेरी कब्र खुदेगी और कई आपत्तिजनक नारे लगा रहे थे। FIR कॉपी के मुताबिक, IIT-BHU में छेड़छाड़ की शिकार छात्रा के न्याय के लिए ऐसे नारों की क्या जरूरत थी। इसका हम लोगों ने मौखिक विरोध किया तो कुछ छात्र-छात्राओं ने हमें घसीटा, कपड़े खींचे साथ ही SC/ST स्टूडेंट्स को जातिसूचक गालियां दी गईं। इस मारपीट में छात्रा मेघना के हाथ टूटे औद अदिति के पैर में फ्रैक्चर हो गया।
दिनों से सिंह द्वार पर चल रहा था धरना
AISA और भगत सिंह मोर्चा के छात्र शुक्रवार से रविवार 3 दिनों से IIT-BHU छात्रा छेड़खानी के अपराधियों के विरोध में धरने पर बैठे थे। सिंह द्वार बंद था। वहां पर तरह-तरह के नारे लग रहे थे। जिसके बाद रविवार की दोपहर ABVP के छात्र वहां पहुंचे, तो उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदुत्व के विरोध में नारे लगे हैं। देखते ही देखते बातचीत, झड़प और मारपीट में तब्दील हो गई।