बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में शुक्रवार की सुबह अचानक सायरन बजते ही माहौल में सनसनी फैल गई। लोग घबराए, लेकिन तुरंत स्पष्ट कर दिया गया कि यह सुरक्षा एजेंसियों का मॉक ड्रिल है। दरअसल, ऑपरेशन गांडीव के तहत एनएसजी कमांडो, वाराणसी पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवाद जैसी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी का अभ्यास किया। ड्रिल बनारस रेलवे स्टेशन, वाराणसी कैंट स्टेशन और रोडवेज बस स्टैंड जैसे संवेदनशील इलाकों में की गई।
सुबह करीब 6 बजे शुरू हुए इस अभ्यास में यात्रियों को सुरक्षित निकालने, संदिग्ध वस्तुओं की जांच और बम डिस्पोजल जैसे परिदृश्य पर काम किया गया। कैंट इलाके में वाहनों की तलाशी और रोड चेकिंग दिखाई गई, वहीं बस स्टैंड पर भीड़ में बचाव अभियान का रिहर्सल किया गया। जवान पूरी वर्दी, हथियार और सुरक्षा उपकरणों से लैस होकर तेज़ी से एक्शन मोड में दिखे।
ड्रिल में काल्पनिक आतंकी हमले का सीन भी शामिल था। सूचना मिलते ही दो मिनट में पूरा क्षेत्र सील कर दिया गया। कमांडो ने स्निफर डॉग्स और ड्रोन की मदद से संदिग्ध वस्तुओं को निष्क्रिय करने का अभ्यास किया। साथ ही आम लोगों को भी बताया गया कि ऐसे हालात में घबराने की बजाय सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ें और अफवाहें न फैलाएं।
इस अभ्यास को केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत पूरे देश में चार राज्यों में एक साथ किया गया। वाराणसी को धार्मिक और पर्यटन महत्व की वजह से चुना गया। इसमें एनएसजी के अलावा पुलिस, आरपीएफ, एटीएस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग जैसी कई एजेंसियां शामिल हुईं। मंदिरों, रेलवे स्टेशन, घाट और बस स्टैंड जैसे स्थानों पर बम धमाके, बंधक मुक्ति और आतंकी घुसपैठ जैसे परिदृश्यों का अभ्यास हुआ।