वाराणसी। बीती रात जन्माष्टमी का उत्सव काशी में बड़े जोर शोर के साथ मनाया गया । वाराणसी के हर कृष्ण मंदिर की भव्य सजावट की गयी। कीर्तन, कृष्ण जन्म, पंचामृत स्नान के साथ ही कृष्ण जी का मनमोहक श्रृंगार किया गया।
कृष्ण भक्ति में लीन हुयी काशी
दुर्गाकुंड स्थित इस्कॉन मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव श्रद्धा से परिपूर्ण वातावरण में मनाया गया। प्रातः विशेष अनुष्ठान हुए। अखंड हरिनाम संकीर्तन के साथ ही अच्युत मोहनदास ने श्री कृष्ण जन्म का महत्व सुनाया, राधा गोपाल के विग्रह का 21 रजत कलशो में भरे शुद्धोदक एवं पंचामृत से महाअभिषेक हुआ। अर्ध रात्रि में कृष्ण जन्म पर भक्तों ने 108 भोग अर्पित किये एवं महाआरती की। गौड़ीय मठ सोनारपुरा में श्री कृष्ण की मनोहारी झांकी सजाई गयी। जिसे देख भक्त भाव विभोर हुये साथ ही भक्त श्री कृष्ण व राधा को झूला झूला कर आनंदित भी हुये। चौखंबा स्थित षष्ठपीठ गोपाल मंदिर में दिन भर वैष्णवजन के जयकारा से गूंजा। प्रातः ठाकुर श्री मुकुंद राय जी व श्री गोपाल लाल जी के पंचामृत स्नान हुआ। दोपहर ठाकुर जी के तिलक का दृश्य हुआ, सायं 7:00 बजे उत्थापन के दर्शन वैष्णवजन ने किया। रात्रि ठाकुर जी के जन्म के दर्शन हुए।
भाग्य से मिलते है दर्शन
भक्तों में आस्था व श्री कृष्ण प्रेम के साथ ही श्री कृष्ण की एक झलक देखने पाने के लिए उनकी आंखों में खुशी स्पष्ट रूप से दिखायी दे रही थी। मंदिरों में आए भक्तों ने कहा की बीते वर्ष कोरोना महामारी की वजह से हमें दर्शन प्राप्त नहीं हो पाये थे। परंतु इस वर्ष हमारा सौभाग्य है कि हमें श्री कृष्ण के दर्शन करने को व श्री कृष्ण की अद्भुत ,उल्लासित करने वाली झांकी के दर्शन हमें प्राप्त हो रहे हैं। हालांकि करोना को देखते हुए ही सभी मंदिरों में कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक ही दर्शन की व्यवस्था रखी गई थी।