बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी के घाटों पर इन दिनों एक विदेशी महिला की भक्ति सबका ध्यान खींच रही है। फ्रांस की रहने वाली ‘लिया’ नाम की महिला बीते एक महीने से काशी में शिव की आराधना में लीन हैं। रुद्राक्ष की माला, पारंपरिक भारतीय परिधान और हाथों में रंगों से सजे शिव-शक्ति के चित्र... यह दृश्य हर किसी को चौंका देता है। घाटों पर वह रोज़ ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करती हैं और अपने बनाए चित्रों के ज़रिए शिव भक्ति को जीवंत करती हैं।
जब लोगों ने लिया से भारत आने की वजह पूछी तो उन्होंने जो जवाब दिया, वह चौंकाने वाला था। लिया ने बताया कि वे फ्रांस में बढ़ते मुस्लिम कट्टरवाद से परेशान हो चुकी थीं। वहां आए दिन झगड़े, डर और असहिष्णुता का माहौल उन्हें भीतर तक हिला गया था। उन्हें मानसिक शांति की तलाश थी, जो उन्हें भारत में शिव की शरण में मिली।
लिया का कहना है कि जिस तरह भारत अपने अंदरूनी संघर्षों के बावजूद सहिष्णुता और शांति बनाए रखता है, वो प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि भारत उन्हें अब अपना घर जैसा लगने लगा है और वे यहां खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं। हालांकि जून में उन्हें वापस जाना होगा, लेकिन नवंबर में वह दोबारा काशी लौटकर स्थायी रूप से शिव भक्ति में लीन होना चाहती हैं।
इस समय लिया बनारस के पांडेय घाट पर रोज़ सुबह-सांझ शिव आराधना में मग्न रहती हैं। ओम नमः शिवाय का उच्चारण करते हुए वे कैनवास पर शिव और शक्ति की तस्वीरें बनाकर रंग भरती हैं। उनका कहना है कि अब उन्होंने अपना पूरा जीवन शिव को समर्पित कर दिया है और यही उनके लिए सच्चा संतोष और शांति है।