बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरनाक स्तर से ऊपर बह रहा है, जिससे हालात गंभीर बने हुए हैं। खतरे का निशान 71.26 मीटर है, लेकिन सोमवार सुबह गंगा का जलस्तर 72.03 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो करीब 80 सेंटीमीटर ऊपर है। फिलहाल पानी 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। इस बाढ़ से वाराणसी के 34 गांव और 24 मोहल्ले प्रभावित हैं, जबकि हजारों लोग अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं। कई इलाकों में पानी दो से तीन फीट तक भर गया है।
गंगा का पानी शहर के रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया है। सामनेघाट, नगवां, संकट मोचन, अस्सी, दशाश्वमेध जैसी जगहों पर सड़कें डूब चुकी हैं। प्रभावित गांवों में रामपुर, मुस्तफाबाद, हरिहरपुर, राजापुर, बभनपुरा, पिपरी, कैथी, टेकुरी और तारापुर सहित कई इलाके शामिल हैं। शहर के मोहल्लों जैसे सलारपुर, सरैया, नक्खी घाट, कोनिया, रसूलगढ़, हुकुलगंज, पैगामबरपुर और सराय मोहना में भी लोग पानी में घिरे हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1125 परिवारों ने राहत शिविरों का रुख किया है।
प्रशासन और जनप्रतिनिधि मिलकर बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। स्थानीय विधायक नीलकंठ तिवारी, सौरभ श्रीवास्तव और रविंद्र जायसवाल ने प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री बांटी। कई स्कूल और सामुदायिक भवनों को राहत शिविरों में बदल दिया गया है, जहां बाढ़ से विस्थापित लोग रह रहे हैं। इनमें प्राथमिक विद्यालय सलारपुर, सरस्वती विद्या मंदिर हुकुलगंज, गोपी राधा इंटर कॉलेज रविंद्रपुरी और कन्या प्राथमिक विद्यालय नगवां जैसे स्थान शामिल हैं।
हालात को देखते हुए प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों में पानी का स्तर और बढ़ सकता है। अगर जलस्तर में यह तेजी जारी रही तो नए इलाकों में भी पानी भरने की आशंका है। सिंचाई विभाग और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार हालात पर नजर रखे हुए हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं और बाढ़ग्रस्त इलाकों में अनावश्यक आवाजाही से बचें।