वाराणसी। पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर और वर्तमान समय में खतरे के निशान से कहीं ऊपर बह रही गंगा ना केवल तटीय इलाकों के रिहायशी क्षेत्रों को प्रभावित कर रही है बल्कि तट से लगे खेतों को भी पूरी तरह से जलमग्न कर चुकी हैं। नतीजा यह है कि गंगा के तट से लगे हुए हजारों एकड़ खेत में लगे हुए अनाज व सब्जियों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है ।
खतरे के निशान के लगभग 1 मीटर ऊपर बह रही गंगा:-
गंगा और वरुणा नदी में उफान के चलते तटवर्ती इलाको में जलप्रलय जैसी स्थिति हो गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार आज 12 अगस्त को सुबह 6:00 बजे तक वाराणसी में गंगा का जलस्तर 72.28 मीटर पर था इसमें 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है। गंगा और वरुणा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के चलते लोग अपने सामानों के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाते हुए दिखाई दे रहें हैं तो खेतों में लगी सब्जियां पूरी तरह से तबाह हो चुकी है। ऐसे में शासन प्रशासन के साथ तमाम राजनैतिक और स्वमसेवी संस्थाओं की ओर से बाढ़ पीड़ितों की मदद की जा रही है।
सब्जियों के लिए मशहूर रमना क्षेत्र हुआ बुरी
तरह प्रभावित:-
पूरे पूर्वांचल में अपने हरे सब्जियों के लिए मशहूर वाराणसी का रमना क्षेत्र भी इस जल प्रवाह का शिकार हुआ जहां करीब करीब 300 एकड़ में
लगी हुई सब्जियों की फसल पूरी तरह से
जलमग्न होने के कारण बर्बाद हो गए। बाढ़ के इस जल में फसलों के साथ साथ किसानों की वो उम्मीदें भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई जो उन फसलों के बिक्री से होने वाली आमदनी से जुड़ी थी। कर्ज लेकर बोए गए फसलों के बर्बाद होने के बाद किसान को खाने के लाले पड़े हैं ऐसे में वह उन फसलों के लिए लिए गए कर्ज की भरपाई कैसे करेगा।
बुधवार को केन्द्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल के निर्देश पर अपना दल का प्रतिनिधिमंडल बाढ़ प्रभावित इलाके में पहुँचा। राष्ट्रीय सचिव मनीष पटेल के नेतृत्व में पँहुचे प्रतिनिधिमंडल ने बाढ़ से जूझ रहे कृषकों को हर सम्भव मदद की बात कहते हुए पार्टी की ओर से आने जाने के लिए तत्काल दो नाव ग्रामीणों को दे दिया गया। मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रीय सचिव ने गांव की समस्याओं को केंद्रीय मंत्री तक पहुँचाने की बात कहते हुए बताया कि जल्द से जल्द बांध निर्माण के लिए सरकार से आग्रह भी करेंगे।