बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी के कबीर चौरा जिला महिला अस्पताल में लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया जिसने सभी को हैरान कर दिया। मदनपुरा निवासी गर्भवती रिजवाना प्रसव के लिए रविवार शाम अस्पताल पहुंची थीं। लेकिन स्टाफ ने बिना जांच किए ही उन्हें इधर-उधर दौड़ाया और फिर केस गंभीर बताते हुए सीधे बीएचयू रेफर कर दिया।
थक-हारकर रिजवाना अपनी सास के साथ घर लौट गईं, लेकिन एक मददगार के बुलावे पर दोबारा अस्पताल पहुंचीं। वहां भी स्टाफ ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। मजबूरन वह घंटों दर्द में अस्पताल के बाहर ही तड़पती रहीं। आखिरकार, जब कोई मदद नहीं मिली तो ओपीडी के बाहर पथरीली बेंच पर ही उन्होंने आसपास मौजूद लोगों की मदद से बच्ची को जन्म दे दिया।
जैसे ही यह खबर फैली, अस्पताल की स्टाफ नर्स और डॉक्टरों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में महिला स्टाफ ने बच्चे की नाल काटी और फिर मां-बच्चे दोनों को भर्ती कर लिया। पीड़िता और उसकी सास ने आरोप लगाया कि अस्पताल स्टाफ ने पर्चा न होने और पुरानी बिल्डिंग का हवाला देकर उन्हें बार-बार भगाया। इसी लापरवाही के कारण डिलीवरी अस्पताल के बाहर हो गई।
वीडियो सामने आने के बाद प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. नीना वर्मा ने जांच बैठा दी है और इस पूरे मामले में गलती मानते हुए ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों व स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा है। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और अस्पताल में भर्ती हैं।