बनारस न्यूज डेस्क: पूर्वांचल के लाखों बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत की किरण दिखने लगी है। प्रयागराज और मिर्जापुर में लगातार चढ़ रहा गंगा का पानी अब घटने लगा है, जबकि वाराणसी में जलस्तर स्थिर हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि मंगलवार देर रात या बुधवार से वाराणसी में भी पानी कम होना शुरू हो जाएगा। फिलहाल प्रयागराज में गंगा एक सेंटीमीटर प्रति घंटे और मिर्जापुर में आधा सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घट रही हैं।
प्रयागराज में सोमवार रात ही राहत की उम्मीद जगी थी, जब यमुना का जलस्तर कम होना शुरू हुआ। नैनी में चार घंटे में यमुना का पानी चार सेंटीमीटर घटा, जबकि छतनाग में गंगा का जलस्तर आठ घंटे तक स्थिर रहा। हालांकि हालात अभी पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं। मिर्जापुर में भी धीरे-धीरे घटाव शुरू है, लेकिन 345 गांव अब भी बाढ़ की चपेट में हैं, जिनमें से 100 गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट चुका है। इन इलाकों में राहत पहुंचाने के लिए नाव और मोटर बोट की मदद ली जा रही है।
वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर 72.22 मीटर पर है। हालांकि यहां बढ़ाव थम चुका है, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिली है। उम्मीद है कि अगले 24 घंटों में यहां भी घटाव शुरू हो जाएगा। उधर, बाढ़ और बारिश के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है।
यूपी में फिलहाल सबसे खराब स्थिति प्रयागराज की है, जहां बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है। करीब पांच लाख लोग अब भी प्रभावित हैं। प्रशासन ने एहतियातन प्रयागराज में 12वीं तक के सभी स्कूल सात अगस्त तक बंद कर दिए हैं। धीमी सही लेकिन घटाव की शुरुआत ने लोगों के चेहरों पर उम्मीद की हल्की मुस्कान लौटा दी है।