भारतीय महिला क्रिकेट टीम की युवा सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल को मैदान पर किए गए आक्रामक व्यवहार का खामियाजा भुगतना पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने उनके ऊपर मैच फीस का 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया है। यही नहीं, एक ही तरह की गलती को दो बार दोहराने की वजह से एक डिमेरिट पॉइंट भी प्रतिका के नाम जोड़ा गया है। उनके अलावा इंग्लैंड टीम भी ICC की कार्रवाई से नहीं बच सकी। स्लो ओवर रेट के चलते इंग्लिश टीम पर मैच फीस का 5 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है।
भारत की जीत के बीच आई अनुशासन की आंच
यह घटनाक्रम भारत और इंग्लैंड के बीच हुए पहले वनडे मुकाबले का है, जिसे टीम इंडिया ने 4 विकेट से अपने नाम किया। इस मैच में भारत की ओर से दीप्ति शर्मा ने शानदार अर्धशतक जड़ा और अंत तक नाबाद रहीं। वहीं जेमिमा रोड्रिग्स ने भी बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया।
हालांकि, जीत के जश्न के बीच प्रतिका रावल का मैदान पर दिखा गुस्सा और आक्रामकता चर्चा का विषय बन गया।
प्रतिका रावल की गलती क्या थी?
भारतीय पारी के 18वें ओवर में प्रतिका का इंग्लैंड की तेज गेंदबाज लॉरेन फाइलर से टकराव हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह टक्कर जानबूझकर की गई प्रतीत हुई और ICC के अनुसार यह एक टालने योग्य स्थिति थी।
इसके बाद अगले ही ओवर में जब प्रतिका आउट हुईं, तो उन्होंने गेंदबाज सोफिया एक्लेस्टोन के साथ भी वैसा ही आक्रामक व्यवहार दोहराया। इसी दोहराव को गंभीर मानते हुए ICC ने लेवल 1 उल्लंघन के तहत उन्हें दोषी ठहराया और डिमेरिट पॉइंट दिया।
ICC के नियमों के तहत कार्रवाई
प्रतिका को ICC कोड ऑफ कंडक्ट के आर्टिकल 2.1 का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है, जो कि लेवल 1 का मामला है। इसमें खिलाड़ियों के अनुशासन और खेल भावना से जुड़े मुद्दे शामिल होते हैं। लेवल 1 का दोषी पाए जाने पर आमतौर पर चेतावनी, जुर्माना या डिमेरिट पॉइंट जैसी सजा दी जाती है।
इंग्लैंड टीम भी आई निशाने पर
इस मुकाबले में इंग्लैंड महिला टीम ने भी ओवर टाइम से पूरे किए, जिससे उन पर स्लो ओवर रेट का मामला दर्ज किया गया। ICC ने कोड ऑफ कंडक्ट के आर्टिकल 2.22 के तहत इंग्लिश टीम पर मैच फीस का 5 प्रतिशत जुर्माना लगाया है।
इंग्लैंड की कप्तान नेट साइवर ब्रंट ने गलती को स्वीकार कर लिया है, जिससे मामले की सुनवाई की आवश्यकता नहीं पड़ी।
आगे क्या?
प्रतिका रावल के नाम जुड़ा डिमेरिट पॉइंट आने वाले समय में गंभीर साबित हो सकता है। अगर किसी खिलाड़ी के दो वर्षों के भीतर चार या उससे अधिक डिमेरिट पॉइंट हो जाते हैं, तो सस्पेंशन जैसी सजा भी दी जा सकती है। ऐसे में यह घटना प्रतिका के लिए चेतावनी भरी घड़ी है कि वे अपने व्यवहार में बदलाव लाएं।
निष्कर्ष
मैदान पर प्रदर्शन जितना अहम है, उतना ही जरूरी है अनुशासन और खेल भावना बनाए रखना। प्रतिका रावल की प्रतिभा में कोई संदेह नहीं, लेकिन युवा खिलाड़ियों को अपने रवैये से यह साबित करना होता है कि वे क्रिकेट जैसे जेंटलमैन गेम की गरिमा को समझते हैं। वहीं इंग्लैंड टीम के लिए यह जुर्माना एक संकेत है कि रणनीति के साथ-साथ समय प्रबंधन पर भी ध्यान देना होगा।