Ukraine, 1 March (News Helpline) चीन ने भी युद्धग्रस्त यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है। राज्य मीडिया ने मंगलवार को ये जानकारी दी। कहा जा रहा है चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए भय बढ़ता जा रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बीजिंग ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की खुलकर निंदा नहीं की है जिससे वहां के लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है।सरकारी ग्लोबल टाइम्स अखबार ने यूक्रेनी राजधानी में चीनी दूतावास का हवाला देते हुए बताया कि लगभग 600 चीनी छात्र सोमवार को कीव और दक्षिणी बंदरगाह शहर ओडेसा से भाग गए हैं। उन्होंने एक दूतावास एस्कॉर्ट और स्थानीय पुलिस सुरक्षा के तहत पड़ोसी मोल्दोवा के लिए बस से यात्रा की। एक चीनी शख्स ने कहा कि छह घंटे की यात्रा "सुरक्षित और सहज" थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 1,000 चीनी नागरिक मंगलवार को यूक्रेन से पोलैंड और स्लोवाकिया के लिए रवाना होंगे। चीन अपने करीबी सहयोगी रूस की आलोचना से बचता रहा है। चीन ने देश की संप्रभुता का हवाला देते हुए बार-बार सधा हुआ बयान दिया है और यूक्रेन संघर्ष पर एक कूटनीतिक सख्ती से चल रहा है।अमेरिका, ब्रिटेन और जापान सहित देशों ने दूतावासों को खाली कर दिया है और अपने नागरिकों से यु्द्ध शुरू होने से पहले ही देश छोड़ने का आग्रह कर चुके हैं। हालांकि चीन ने गुरुवार तक इंतजार किया। और अब कहा है कि वह अपने नागरिकों को लाने के लिए चार्टर उड़ानों का आयोजन करेगा। हालांकि चीन का ये प्लान अभी तक अमल में नहीं आया क्योंकि यूक्रेन ने अब अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है।
चीन ने कहा है कि उसके लगभग 6,000 नागरिक काम या पढ़ाई के लिए यूक्रेन में हैं। कीव में इसके दूतावास ने शुरू में उन लोगों से आग्रह किया कि वे अपने वाहनों पर चीनी झंडा लगाकर निकलें। लेकिन चीनी नागरिकों के प्रति बढ़ते गुस्से को देखते हुए उन्होंने अपनी योजना बदल दी है। चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वह नागरिकों को देश छोड़ने में मदद कर रहा है, लेकिन डिटेल नहीं दी।