दक्षिण अफ्रीका के संचारी रोग संस्थान के निदेशक ने मंगलवार को कहा है कि नए कोविड-19 वैरिएंट ओमाइक्रोन में घातक डेल्टा वैरिएंट को पीछे छोड़ने की क्षमता है. बता दें कि नए वैरिएंट को लेकर दुनिया भर में इस समय डर का माहौल है.
दक्षिण अफ्रीका में ओमाइक्रोन की खोज ने दुनिया भर में चिंताओं को जन्म दिया है और कई देशों ने नए वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दक्षिण अफ्रीका से उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ओमाइक्रोन को 'चिंता का एक प्रकार' करार देते हुए कहा है कि इससे संक्रमण का खतरा ज्यादा है.
रॉयटर्स को दिए अपने एक इंटरव्यू में "दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (एनआईसीडी) के कार्यकारी निदेशक एड्रियन प्योरन ने कहा, "हमने सोचा था कि डेल्टा को क्या मात देगा? यह हमेशा से सवाल रहा है, कम से कम फैलने के संदर्भ में, ... शायद यह अलग तरह का वैरिएंट है."
अगर ट्रांसमिशन के मामले में ओमाइक्रोन डेल्टा वेरिएंट को पछाड़ देता है तो यह दुनिया भर में कोविड-19 मामलों में बहुत तेज वृद्धि का कारण बन सकता है.
इस बीच, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मंगलवार को कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि टीके ओमाइक्रोन जैसे गंभीर बीमारी को नहीं रोकेंगे, लेकिन बयान में कहा गया है कि "पिछले एक साल में नए रूपों की उपस्थिति के बावजूद, टीकों ने गंभीर बीमारी के खिलाफ बहुत उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करना जारी रखा है और अब तक कोई सबूत नहीं है कि ओमाइक्रोन किसी तरह से अलग है."
इससे पहले मंगलवार को, दवा निर्माता मॉडर्ना के प्रमुख ने कहा कि वैश्विक बाजारों को झटका देने वाले वैरिएंट के खिलाफ कोविड-19 शॉट्स के प्रभावी होने की संभावना नहीं है.