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Diwali 2023: जानिए धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज की जानिए तिथि, पूजन के शुभ मुहूर्त

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Posted On:Monday, November 6, 2023

दिवाली 2023 पांच दिवसीय समय सारणी: दिवाली हर साल कार्तक मास की अमावस्या को मनाई जाती है और इस साल यह त्योहार 12 नवंबर को मनाया जाएगा। दिवाली की शुरुआत धनतेरस के दिन से होती है और यह 5 दिवसीय त्योहार भाई दूज तक मनाया जाता है। सबसे पहले यह त्योहार धनतेरस, फिर नरक चतुर्दशी, फिर बड़ी दिवाली, फिर गोवर्धन पूजा और अंत में भाई दूज पर समाप्त होता है। आइए आपको इन पांच दिनों के त्योहारों के बारे में विस्तार से बताते हैं और जानते हैं सभी का शुभ समय।

धनतेरस कब है?

इस बार धनतेरस 10 नवंबर को मनाया जाएगा. धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान धन्वंतरि हाथ में अमृत से भरा कलश लेकर समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे। उन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। धनतेरस को उनके प्रकटोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन धन के देवता कुबेरजी और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और सोने-चांदी के अलावा अन्य बर्तन भी खरीदे जाते हैं। धनतेरस के दिन ऐसा माना जाता है कि इस दिन खरीदी गई चीजें 13 गुना बढ़ जाती हैं और आपको पैसों की कमी नहीं होगी। त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12:35 बजे शुरू होगी और अगले दिन 11 नवंबर को दोपहर 1:57 बजे समाप्त होगी। धनतेरस का त्योहार प्रदोष काल में मनाया जाता है, इसलिए यह 10 नवंबर, शुक्रवार को पड़ेगा।

नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली कब है?

नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली दिवाली से एक दिन पहले और धनतेरस के एक दिन बाद मनाई जाती है। यह कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी है और इसे रूप चौदस, नरक चौदस और काली चौदस भी कहा जाता है। चतुर्दशी तिथि 11 नवंबर को दोपहर 1:57 बजे शुरू होगी और अगले दिन 12 नवंबर को दोपहर 2:44 बजे समाप्त होगी। अत: उदया तिथि के अनुसार नरक चतुर्दशी 12 नवंबर को ही मनाई जाएगी। इसी दिन दिवाली भी मनाई जाएगी. जो लोग इस दिन काली पूजा करते हैं और यमदीप जलाते हैं, वे 11 नवंबर को नरक चतुर्दशी मना सकते हैं।

दिवाली कब है

दिवाली कार्तिक अमावस्या को पड़ती है और इस दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे थे और नगरवासियों ने घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था। इस अवसर पर हम हर साल चारों ओर दीपक जलाकर जश्न मनाते हैं। इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। भगवान गणेश हमें सभी अच्छे कार्यों में शुभ लाभ देते हैं और मां लक्ष्मी हमें धनवान बनाती हैं। कार्तिक अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर 2:44 बजे शुरू होगी और 13 नवंबर को दोपहर 2:56 बजे समाप्त होगी। धनतेरस की तरह दिवाली की पूजा भी प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है। इसलिए दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी.

गोवर्धन पूजा कब है?

कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा, दिवाली के दूसरे दिन 13 नवंबर को गोवर्धन पूजा की जाती है। जब इंद्रदेव क्रोधित हो गए और भारी बारिश करने लगे, तब भगवान कृष्ण ने गोकुल के सभी लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया। पर्वत के नीचे खड़े होने से सभी की जान बच गई। इसी घटना के उपलक्ष्य में हर वर्ष कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है।

भाई दूज कब है?

भाई दूज यानी यम द्वितीया का त्योहार 15 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा। यह त्यौहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर और आरती करके उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। मान्यता है कि इस दिन यमराज भी अपनी बहन यमुना से मिलने उनके घर आये थे।


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