ताजा खबर
बुलेट ट्रेन: प्रोजेक्ट का पूरा होना इस प्रमुख कारक पर निर्भर करता है, आरटीआई से पता चला   ||    ICICI और Yes Bank के सर्विस चार्ज बदले, Axis ने भी किया बड़ा ऐलान   ||    मलेशियाई नौसेना के हेलीकॉप्टर हवा में टकराए, 10 की मौत   ||    मलेशियाई नौसेना के हेलीकॉप्टर हवा में टकराए, 10 की मौत   ||    लोकसभा चुनाव 2024: सबसे बड़ा लोकतंत्र मतदान क्यों नहीं कर रहा?   ||    Earth Day 2023: पृथ्वी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?   ||    फैक्ट चेक: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के बीच CM धामी ने सरेआम बांटे पैसे? वायरल वीडियो दो साल पुराना...   ||    मिलिए ईशा अरोड़ा से: ऑनलाइन ध्यान खींचने वाली सहारनपुर की पोलिंग एजेंट   ||    आज का इतिहास: 16 अप्रैल को हुआ था चार्ली चैपलिन का जन्म, जानें अन्य बातें   ||    एक मंदिर जो दिन में दो बार हो जाता है गायब, मान्यता- दर्शन मात्र से मिलता मोक्ष   ||   

Sakat Chauth 2024: सकट चौथ की पूजा इन चीजों के बिना है अधूरी, नोट करें पूजा सामग्री और क्यों लगाया जाता हैं गणेश जी को तिलकुट का भोग

Photo Source :

Posted On:Monday, January 29, 2024

प्रत्येक माह में दो चतुर्थी होती हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। नारद पुराण के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सकट चोथ, तिल चोथ और माघी चोथ कहा जाता है। इस वर्ष सकट चोथ व्रत 29 जनवरी, सोमवार को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार शकट चौथ के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। सकट चोथ के दिन महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं।

सकट चोथ पूजा में विशेष वस्तुएं शामिल होनी चाहिए। ऐसा करने से भगवान गणपति प्रसन्न होते हैं और पूजा सफल होती है। अगर आप भी सकट चोथ की पूजा कर रहे हैं तो आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि सकट चोथ पूजा में कौन सी वस्तुएं शामिल होनी चाहिए। आइए जानते हैं सकट चोथ पूजा सामग्री सूची के बारे में।

सकट चौथ पूजा सामग्री लिस्ट

  • पीला कपड़
  • चौकी
  • फूल
  • गंगाजल
  • जल
  • सुपारी
  • जनेऊ
  • लौंग
  • दीपक
  • दूध
  • मोदक
  • धूप
  • देसी घी
  • 11 या 21 तिल के लड्डू
  • फल
  • कलश
  • गणेश जी की प्रतिमा

सकट चौथ के मंत्र (Sakat Chauth Mantra)

1.ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।

निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥

2. ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥

3.महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

4.ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।

ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।

5.ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

6.ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

7.गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

8. संकट नाशक मंत्र

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।

द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥

विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥

विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।

9. ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

सकट चोथ का शुभ मुहूर्त

दैनिक पंचांग के अनुसार माघ माह की चतुर्थी तिथि 29 जनवरी को सुबह 06:10 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 30 जनवरी को सुबह 08:54 बजे समाप्त होगी. इस बार शकट चोथ का व्रत 29 जनवरी को है। शकट चोथ के दिन चंद्रोदय रात्रि 09:10 बजे होगा।

सकट चोथ व्रत का महत्व

सकट चोथ के दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने की परंपरा है। मान्यता के अनुसार जो महिलाएं शकट चौथ के दिन निर्जला व्रत रखती हैं और गणपति बप्पा की विधि-विधान से पूजा करती हैं, उनकी संतान को कोई रोग नहीं होता है। पूजा के दौरान व्रत कथा पढ़ने का अधिक महत्व है। सकट चोथ कथा का पाठ करने से व्रत पूरा माना जाता है। इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

सकट चोथ के अवसर पर तिलकूट का प्रसाद बनाकर भगवान गणेश को अर्पित किया जाता है। यही कारण है कि शाक चोथ को तिलकूट चोथ भी कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को तिल से बनी चीजें क्यों चढ़ाई जाती हैं। आइए जानते हैं तिलकूट चढ़ाने के महत्व के बारे में।

तिलकूट चढ़ाने का महत्व

सकट चोथ के दिन भगवान गणेश को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में तिल से बनी चीजें शामिल होती हैं। इस त्योहार को लेकर अलग-अलग राज्यों में कई तरह की मान्यताएं हैं। सकट चोथ व्रत की एक कथा के अनुसार माघ माह में तिल का अधिक महत्व होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गणपति बप्पा को तिल के लड्डू और तिलकूट बहुत पसंद हैं. सकट चोथ के दिन महिलाएं अपने बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए व्रत रखती हैं। तिल और गुड़ की मदद से वे तिलकूट बनाते हैं और भगवान गणेश को इसका भोग लगाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी परेशानियां दूर कर देते हैं। इसलिए शकट चोथ के मौके पर गणपति बप्पा को तिलकूट का भोग लगाया जाता है.


बनारस और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. banarasvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.