ताजा खबर
Surya Grahan: लग रहा है साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानें सूतक काल का समय   ||    Fact Check: नहीं, तस्वीर में दिख रहे लोग केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में सड़कों पर नहीं उतरे हैं,...   ||    Today's Significance आज ही के दिन हुआ था अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति आइजनहावर का निधन, जानें 28 मार्...   ||    केंद्र सरकार ने 4% बढ़ाया पेंशनर्स का महंगाई राहत, मार्च में इतनी बढ़कर मिलेगी पेंशन, चेक करें पूरा ...   ||    SBI बैंक ने करोड़ों ग्राहकों को दिया झटका, 1 अप्रैल से बढ़ जाएगा डेबिट कार्ड पर चार्ज   ||    Business Idea: एलोवेरा की बढ़ी डिमांड, कम पैसे में लगाएं जेल बनाने की फैक्ट्री, हर महीने होगी बंपर क...   ||    Moscow Attack: आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 140 है, लेकिन लगभग 100 लोग अभी भी लापता हैं   ||    Baltimore Bridge Collapse: गोताखोरों ने बंदरगाह से छह लापता श्रमिकों में से दो शव बरामद किए   ||    केजरीवाल की गिरफ्तारी पर राजनयिक को तलब किए जाने के बाद अमेरिका की प्रतिक्रिया; जर्मनी का कहना है कि...   ||    यूक्रेन के विदेश मंत्री अपने शत्रु मित्र रूस के साथ संबंध मजबूत करने की उम्मीद में नई दिल्ली पहुंचे   ||   

Saphala Ekadashi 2022: इस दिन है साल की आख़िरी एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मान्यता

Photo Source :

Posted On:Saturday, December 17, 2022

एकादशी का व्रत पूरे भारत में श्रद्धालुओं द्वारा बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है।इस महीने पौष मास के कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि को सफला एकादशी है। यानी इस साल की आखिरी एकादशी 19 दिसंबर 2022 को मनाई जाएगी। सफला एकादशी भगवान श्री विष्णु को समर्पित है। आपको बता दें कि गृहस्थ को शुक्ल पक्ष की एकादशी का ही व्रत करना चाहिए। जबकि जो ग्रहस्थ में नहीं है उसके लिए कृष्ण और शुक्ल दोनों की एकादशी नियमित होती है। गृहस्थ आषाढ़ शुक्ल पक्ष की शयनी और कार्तिक शुक्ल पक्ष की बोधानी एकादशी के बीच पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही कर सकता है।
सफला एकदशी मुहूर्त

एकादशी तिथि का प्रारंभ 19 दिसंबर को प्रातः 03 बजकर 32 मिनट से होगा। 20 दिसंबर को 02:32 AM पर समाप्त होगा। साथ ही इसका पारण काल ​​20 दिसंबर को सुबह 08 बजकर 05 मिनट से 09 बजकर 13 मिनट तक है।

पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने देसी घी का दीपक जलाएं और फूल, माला और मिठाई भी चढ़ाएं। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पत्र के साथ पंचामृत अर्पित करें। तुलसी पत्र चढ़ाए बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है। शाम को भी सूर्यास्त से ठीक पहले पूजा करें और भगवान विष्णु को भोग का भोग लगाएं। शाम को आरती करने के बाद भोग प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों में बांट देना चाहिए।

इस एकादशी के व्रत की मान्यता

सफला का अर्थ समृद्ध होता है। मान्यता है कि सफला एकादशी का व्रत करने वालों को सफलता, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह एकादशी सभी को लाभ देने वाली है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही इस दिन जो भी कार्य प्रारंभ किया जाता है वह अवश्य ही सफल होता है। इस व्रत को रखने से मन की शुद्धि होती है और नए और अच्छे विचारों का समावेश होता है। इस दिन भगवान कृष्ण के मंदिरों में विशाल कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं क्योंकि वे भगवान विष्णु के अवतार हैं। इस खास दिन पर लोग अन्नदान और दान-पुण्य करते हैं।

 


बनारस और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. banarasvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.