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भारत के वो 7 वैज्ञानिक जिन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया

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Posted On:Saturday, July 22, 2023

भारत में हजारों वर्ष पुराना वैज्ञानिक उपलब्धियों का समृद्ध इतिहास है। प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक, भारतीय वैज्ञानिकों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनकी खोजों और नवाचारों ने न केवल भारत के बौद्धिक परिदृश्य को आकार दिया है, बल्कि वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय पर भी गहरा प्रभाव डाला है।

प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक और उनके दार्शनिक योगदान

प्राचीन भारत में, वैज्ञानिक ज्ञान दर्शन, आध्यात्मिकता और दैनिक जीवन से जुड़ा हुआ था। इस अवधि के दौरान कई प्रतिभाशाली दिमाग उभरे और उनके योगदान ने भविष्य की वैज्ञानिक प्रगति की नींव रखी।

आर्यभट्ट - अग्रणी भारतीय खगोलशास्त्री और गणितज्ञ

5वीं शताब्दी में जन्मे आर्यभट्ट एक अग्रणी खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे। उन्होंने शून्य और दशमलव प्रणाली की अवधारणा तैयार की, जिसने गणित में क्रांति ला दी। खगोल विज्ञान में आर्यभट्ट का काम, जिसमें पाई की सटीक गणना और सौर और चंद्र ग्रहण की व्याख्या शामिल है, ने खगोलीय घटनाओं के बारे में उनकी गहन समझ को प्रदर्शित किया।

सुश्रुत - प्राचीन भारत में शल्य चिकित्सा के जनक

प्राचीन भारतीय चिकित्सक सुश्रुत को "सर्जरी का जनक" कहा जाता है। उनका मौलिक कार्य, "सुश्रुत संहिता", शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं, उपकरणों और चिकित्सा पद्धतियों का एक विस्तृत संकलन है। प्लास्टिक सर्जरी, राइनोप्लास्टी और मोतियाबिंद ऑपरेशन में सुश्रुत की विशेषज्ञता अपने समय से काफी आगे थी।

चरक - अग्रणी चिकित्सक और आयुर्वेदिक विद्वान

चरक, एक प्राचीन भारतीय चिकित्सक और विद्वान, को पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद के प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक माना जाता है। उनका ग्रंथ, "चरक संहिता", मानव शरीर, बीमारियों और हर्बल उपचारों के बारे में व्यापक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

मध्यकालीन भारत के विद्वान मन

मध्यकालीन भारत में वैज्ञानिक जांच का विकास देखा गया, जिसमें विद्वानों ने विभिन्न विषयों में उल्लेखनीय प्रगति की।

भास्कराचार्य - गणित में प्रतिभा

भास्कराचार्य, जिन्हें भास्कर द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है, 12वीं शताब्दी के एक प्रख्यात गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे। उनकी महान रचना, "लीलावती", अंकगणित, बीजगणित और ज्यामिति से संबंधित थी, जो उनकी असाधारण गणितीय कौशल का प्रदर्शन करती थी।

संगमग्राम के माधव - कैलकुलस में योगदान

संगमग्राम के माधव, केरल के एक प्रतिभाशाली गणितज्ञ, ने कैलकुलस और अनंत श्रृंखला में महत्वपूर्ण प्रगति की। उन्होंने यूरोपीय गणितज्ञों से सदियों पहले त्रिकोणमितीय कार्यों के लिए अनंत श्रृंखला की अवधारणा विकसित की थी।

नागार्जुन - उल्लेखनीय रसायनज्ञ और रसायनशास्त्री

मध्यकालीन भारतीय कीमियागर और रसायनज्ञ नागार्जुन, धातु विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी थे। विभिन्न धातुओं और रासायनिक यौगिकों की तैयारी में उनकी खोजों का प्राचीन भारतीय उद्योगों और स्वास्थ्य देखभाल पर गहरा प्रभाव पड़ा।

 आधुनिक भारतीय वैज्ञानिक पुनर्जागरण

आधुनिक युग में भारत में वैज्ञानिक उपलब्धियों का पुनरुत्थान हुआ, दूरदर्शी वैज्ञानिकों ने विश्व मंच पर एक अमिट छाप छोड़ी।

जगदीश चंद्र बोस - रेडियो और पादप विज्ञान में अग्रणी

जगदीश चंद्र बोस एक बहुआयामी वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो तरंगों और पादप शरीर क्रिया विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। रेडियो तरंगों पर उनके प्रयोगों ने वायरलेस संचार के विकास की नींव रखी। पौधों पर बोस के शोध से पता चला कि वे उत्तेजनाओं पर प्रतिक्रिया करते हैं, जिससे पौधों के जीवन की समझ में क्रांति आ जाती है।

श्रीनिवास रामानुजन - गणितीय प्रतिभा

श्रीनिवास रामानुजन, एक स्व-सिखाया गणितीय प्रतिभा, ने संख्या सिद्धांत, मॉड्यूलर रूपों और अनंत श्रृंखला में अभूतपूर्व खोजें कीं। उनका काम दुनिया भर के गणितज्ञों को प्रेरित करता रहता है और वह गणितीय प्रतिभा के प्रतीक बने हुए हैं।

सीवी रमन - रमन प्रभाव के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता

चन्द्रशेखर वेंकट रमन, जिन्हें आमतौर पर सीवी रमन के नाम से जाना जाता है, ने रमन प्रभाव की खोज के लिए भौतिकी में नोबेल पुरस्कार जीता। तरल और ठोस पदार्थों में प्रकाश के प्रकीर्णन पर उनका शोध आणविक संरचनाओं और क्वांटम यांत्रिकी को समझने में अमूल्य रहा है।

भारतीय महिला वैज्ञानिक: बाधाओं को तोड़ना
विज्ञान में भारतीय महिलाओं का योगदान

भारतीय महिला वैज्ञानिकों ने सामाजिक मानदंडों को चुनौती दी है और रास्ते में आने वाली कई बाधाओं को पार करते हुए विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।

जानकी अम्मल - असाधारण वनस्पतिशास्त्री

अग्रणी वनस्पतिशास्त्री जानकी अम्मल ने पौधों के आनुवंशिकी और वर्गीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। गन्ने और बैंगन पर उनका काम कृषि अनुसंधान में मूलभूत बना हुआ है।

असीमा चटर्जी - ऑर्गेनिक केमिस्ट और इनोवेटर

असीमा चटर्जी एक प्रमुख जैविक रसायनज्ञ थीं, जिनके औषधीय पौधों पर शोध से मिर्गी-रोधी और मलेरिया-रोधी दवाओं का विकास हुआ। उनकी अभूतपूर्व खोजों ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई।

टेसी थॉमस - भारत की मिसाइल महिला

टेसी थॉमस, जिन्हें "भारत की मिसाइल महिला" के रूप में भी जाना जाता है, ने भारत के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में उनकी विशेषज्ञता भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में सहायक रही है।समसामयिक विज्ञान में चुनौतियाँ और उपलब्धियाँ

भारतीय विज्ञान की वर्तमान स्थिति

समकालीन भारतीय वैज्ञानिक विविध वैज्ञानिक क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहे हैं और देश की प्रगति और वैश्विक प्रतिष्ठा में योगदान दे रहे हैं।

इसरो के उल्लेखनीय अंतरिक्ष मिशन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष अन्वेषण में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उपग्रहों के प्रक्षेपण से लेकर चंद्रयान और मंगलयान जैसे अंतरग्रहीय अभियानों तक, इसरो ने वैश्विक अंतरिक्ष मंच पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है।

H2: प्रौद्योगिकी और आईटी में वैश्विक मान्यता

भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने प्रौद्योगिकी और आईटी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। सॉफ्टवेयर विकास, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और साइबर सुरक्षा में उनके योगदान ने अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा हासिल की है। भारतीय वैज्ञानिकों ने अपने उल्लेखनीय योगदान से विश्व पर अमिट छाप छोड़ी है। प्राचीन दार्शनिकों से लेकर आधुनिक दूरदर्शी लोगों तक, उनकी यात्रा नवीनता, दृढ़ता और प्रतिभा की रही है। जैसे-जैसे भारत वैज्ञानिक अनुसंधान और शिक्षा में निवेश करना जारी रखेगा, उसके वैज्ञानिकों की विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।


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