नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (न्यूज हेल्पलाइन) केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने आज पोस्ट डिवोल्यूशन रेवेन्यू डेफिसिट (PDRD) अनुदान, (जिसे राजस्व घाटा अनुदान भी कहा जाता है) की 7वीं मासिक किस्त को आज सोमवार 11 अक्टूबर को जारी कर दिया। यह 9,871.00 करोड़ रुपए की यह किस्त कुल 17 राज्यों में उनकी पात्रता के अनुरूप वितरित होगी। इस किस्त के जारी होने के साथ ही चालू वित्त वर्ष (2021-22) में कुल 69,097.00 करोड़ रुपए पोस्ट डिवोल्यूशन रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट (पीडीआरडी) के रूप में वितरित हो चुके हैं।
ज्ञात हो कि संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत राज्यों को हस्तांतरण के बाद राजस्व घाटा अनुदान प्रदान किया जाता है। राज्यों के राजस्व खातों में अंतर को पूरा करने के लिए मासिक किश्तों में पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार अनुदान जारी किया जाता है। पंद्रहवें वित्त आयोग ने 2021-22 के दौरान 17 राज्यों को पीडीआरडी अनुदान की सिफारिश की है।
इस अनुदान को प्राप्त करने के लिए राज्यों की पात्रता और अनुदान की मात्रा का निर्धारण आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए निर्धारित हस्तांतरण को ध्यान में रखते हुए राज्य के राजस्व और व्यय के आकलन के बीच के अंतर के आधार पर किया गया था। ज्ञात हो कि पंद्रहवें वित्त आयोग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 17 राज्यों को 1,18,452 करोड़ रुपए के कुल पोस्ट हस्तांतरण राजस्व घाटा अनुदान की सिफारिश की है, जिसमें से आज 69,097.00 करोड़ रुपए (58.33%) जारी किए जा चुके हैं।
पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा पीडीआरडी अनुदान के रूप में आज जिन राज्यों को अनुदान मिला, वे हैं- आंध्र प्रदेश (1438.08 करोड़ रुपए), असम(531.33 करोड़ रुपए), हरियाणा (11.00 करोड़ रुपए), हिमाचल प्रदेश (854.08 करोड़ रुपए), कर्नाटक(135.92 करोड़ रुपए) , केरल (1657.58 करोड़ रुपए), मणिपुर (210.33 करोड़ रुपए), मेघालय (106.58 करोड़ रुपए), मिजोरम (149.17 करोड़ रुपए), नागालैंड (379.75 करोड़ रुपए), पंजाब (840.08करोड़ रुपए), राजस्थान (823.17 करोड़ रुपए), सिक्किम (56.50 करोड़ रुपए), तमिलनाडु (183.67 करोड़ रुपए), त्रिपुरा (378.83 करोड़ रुपए), उत्तराखंड (647.67 करोड़ रुपए) और पश्चिम बंगाल (1467.25 करोड़ रुपए)।