नई दिल्ली, 18 जनवरी (न्यूज़ हेल्पलाइन) सुप्रीम कोर्ट द्वारा एंट्रिक्स-देवास डील पर फैसला आने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उस समय की कांग्रेस और UPA सरकार पर हमला बोल दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस डील महुए घोटाले के लिए सीधे-सीधे काँग्रेस पर आरोप लगाते हुए उसे अन्तरराष्ट्रीय फजीहत करवाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
ज्ञात हो कि कल सोमवार 17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने देवास-एंट्रिक्स डील में एक बड़ा फैसला सुनाते हुए बड़ा झटका दिया। देवास मल्टीमीडिया की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर फैसला करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिका को खारिज किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देवास मल्टीमीडिया को एंट्रिक्स कॉरपोरेशन के कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जीवाड़े के मकसद से ही बनाया गया था।
ज्ञात हो कि देवास मल्टीमीडिया भले ही भारतीय कंपनी थी, लेकिन इसमें विदेशी निवेशकों का बहुत सारा पैसा लगा हुआ था। इस डील के रद्द होने की वजह से विदेशी निवेशकों को काफी दिक्कत हुई। देवास मल्टीमीडिया के फर्जीवाड़े को समझने में सरकार को 2005 से लेकर 2011 तक का वक्त लग गया, इसलिए विदेशी निवेशकों को भारत सरकार के खिलाफ कनाडा कोर्ट में जाने का मौका मिल गया।
सुप्रीम कोर्ट के कल के आदेश और फैसले के बाद आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि यह डील यूपीए सरकार के लालच के कारण आज मोदी सरकार कई अंतर्राष्ट्रीय अदालतों में लड़ रही है। यह कांग्रेस की ओर से कांग्रेस के लिए किया गया घोटाला है। 10-12 साल के संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अब जाकर इस केस में न्याय किया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि देवास इसरो के पूर्व सेक्रेटरी की इंडियन कंपनी थी, जिसमें कई विदेशी निवेशकों ने निवेश किया था। 2005 में हुआ एंट्रिक्स-देवास केस देश की सुरक्षा के खिलाफ था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस सरकार को घेरते हुए कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस डील की जानकारी कैबिनेट को भी नहीं दी। वित्त मंत्री ने कहा रक्षा मंत्रालय द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बैंड को निजी कंपनी को बेचा गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा यूपीए सरकार ने इस सौदे को रद्द करने में 6 साल का समय लगा दिया। यह कांग्रेस की मिलीभगत से किया गया घोटाला था।