नई दिल्ली, 19 जुलाई 2021
देश में करोना की दूसरी लहर ने कहर बरसा दिया है, फिर भी लोग बिना मास्क के घूम कर लापरवाही बरतते नज़र आ रहे है। करोना की तीसरी लहर का खतरा बढ़ रहा है। करोना की वजह से दवा निर्माता कंपनियों पर दवाई की मैन्युफैक्चरिंग से जुडी प्रक्रिया पर तनाव बढ़ जाता है।
करोना की तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने दवा निर्माता कंपनियों को बड़ी राहत देने का फैसला लिया है। सरकार ने दवा निर्माता कंपनियों को 31 दिसंबर’21 तक के लिए पर्यावरण प्रभाव आकलन (Environmental Impact Assessment) में भारी छूट दे दी है। पर्यावरण मंत्रालय ने इससे जुड़ा नोटिसफिकेशन जारी कर दिया गया है। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि एक्टिव फार्मास्युटिकल्स इनग्रेडिएंट (API) को बी2 कैटेगरी प्रोजेक्ट में रखा गया है। इससे वजह से दवा निर्माता कंपनियों को तेजी से क्लीयरेंस मिलेगी और वह अपने दवाई की मैन्युफैक्चरिंग से जुडी प्रक्रिया में आसानी रहेगी ।
विशेषज्ञों का कहना है कि इससे दवा निर्माता कंपनियों को जरूरी एक्टिव फार्मास्युटिकल्स इनग्रेडिएंट को बनाने में जरूरी मदद मिलेगी और दवा निर्माता कंपनियों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। जो सभी दवाओं में कच्चे माल की तरह इस्तेमाल होता है। एपीआई को अभी बी2 कैटेगरी में रखने की व्यवस्था 16 जुलाई से 31 जुलाई तक के लिए की गई है। नोटिफिकेशन में यह भी साफ किया गया है कि 31 दिसंबर के बाद ये सभी प्रोजेक्ट और मैन्युफैचरिंग एक्टिविटी को पहले की तरह पर्यावरण रक्षा एक्ट 1986 के प्रोविजन के तहत आएंगे।