नई दिल्ली, 5 नवंबर (न्यूज हेल्पलाइन) कोरोना महामारी के शुरू होने के समय गरेबों को खाद्य सुरक्षित रखने के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) को 30 नवंबर से आगे बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह जानकारी आज केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडेय ने दी। उन्होंने इसके पीछे तर्क देते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था अब पुनर्जीवित हो रही है।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए का एक व्यापक राहत पैकेज है, जो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में उनकी मदद करने के लिए शुरू किया गया। यह मार्च 2020 में गरीबों के सबसे गरीब लोगों तक भोजन और पैसे के साथ पहुंचने के लिए घोषित किया गया था, ताकि उन्हें आवश्यक आपूर्ति खरीदने और आवश्यक जरूरतों को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। योजना में 30 मार्च 2020 से नीचे सूचीबद्ध उपायों को शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के प्रारंभ में 80 करोड़ गरीब लोगों को हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल और 1 किलो पसंदीदा दाल मुफ्त दी गई थी। फिर बाद में इस योजना के रूपरेखा में परिवर्तन हुआ। प्रारंभ में यह सिर्फ 3 महीने के लिए थी मगर लोगों की समस्या को देखते हुए इसे बढ़ाते-बढ़ाते नवंबर 2021 तक आगे लाया गया।
20 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को इसी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत तीन महीनों तक 500-500 रुपए प्रति माह प्रदान किए गए थे। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत ही 13.62 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए मनरेगा मजदूरी को 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए प्रतिदिन किया गया था।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत गरीब वरिष्ठ नागरिक, गरीब विधवाओं और गरीब विकलांगों को सहायता राशि प्रदान की गईं। चूंकि अब केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडेय ने इस योजना की समाप्ति की घोषणा कर दी है, इसलिए नवंबर के बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) से संलग्न योजनायोन की रूपरेखा फिर से परिवर्तित हो सकती हैं।