देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए कुछ नए नियमों की घोषणा की है, जो 15 जुलाई 2025 से लागू हो जाएंगे। इन नए नियमों का सीधा असर क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं के बिल भुगतान, मिनिमम अमाउंट ड्यू, इंश्योरेंस सुविधाओं और पेमेंट सेटलमेंट सिस्टम पर पड़ेगा। अगर आप भी SBI का क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं, तो ये बदलाव आपके लिए जानना बेहद जरूरी है।
15 जुलाई से पहले बिल भरना क्यों जरूरी?
SBI कार्डधारकों को आमतौर पर हर महीने की 2 तारीख को बिल जनरेट होता है। इस बार 2 जुलाई 2025 को जो भी बिल आएगा, उसे 15 जुलाई से पहले भर देना आपके फायदे में रहेगा। यदि आप 15 जुलाई के बाद बिल चुकाते हैं, तो आपको मिनिमम अमाउंट ड्यू (MAD) के तहत ज्यादा भुगतान करना पड़ सकता है।
मिनिमम अमाउंट ड्यू में बड़ा बदलाव
नए नियमों के तहत, अब मिनिमम अमाउंट ड्यू की कैलकुलेशन का तरीका बदल जाएगा। SBI की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अब निम्नलिखित मदों को MAD में जोड़ा जाएगा:
इसका मतलब है कि पहले की तुलना में मिनिमम अमाउंट ड्यू की राशि काफी ज्यादा हो सकती है। इससे लेट पेमेंट करने वालों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
क्या है मिनिमम अमाउंट ड्यू (MAD)?
जब आप अपने क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने जाते हैं, तो आपको दो विकल्प दिखाई देते हैं:
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Minimum Amount Due (MAD)
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Total Amount Due (TAD)
MAD वह न्यूनतम राशि होती है जिसे आप बिल की आखिरी तारीख तक भरकर लेट पेमेंट चार्ज से बच सकते हैं। आमतौर पर यह बिल की कुल राशि का 2% से 5% होता है। लेकिन इस बार नियम बदलने से यह कई गुना ज्यादा हो सकता है, क्योंकि अब इसमें GST, EMI, फीस, फाइनेंस चार्ज जैसे एलिमेंट भी शामिल होंगे।
एयर एक्सीडेंट इंश्योरेंस का फायदा होगा खत्म
SI के प्रीमियम क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए एक और झटका है। 15 जुलाई 2025 से फ्री एयर एक्सीडेंट इंश्योरेंस बेनिफिट को समाप्त किया जा रहा है। यानी अब एयर ट्रैवल के दौरान दुर्घटना होने पर मिलने वाले बीमा का लाभ नहीं मिलेगा। पहले यह एक प्रमुख सुविधा थी, जो कई कार्ड यूज़र्स को दी जाती थी।
पेमेंट सेटलमेंट में भी बदलाव
अब SBI कार्ड के पेमेंट सेटलमेंट स्ट्रक्चर में भी कुछ बड़े बदलाव होंगे। इस नए सिस्टम के तहत, निम्नलिखित खर्चे पेमेंट स्ट्रक्चर का हिस्सा होंगे:
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EMI पेमेंट्स
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GST
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ओवरलिमिट अमाउंट
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रिटेल ट्रांजैक्शंस
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फाइनेंस चार्ज
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एडवांस अमाउंट
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बैलेंस ट्रांसफर शुल्क
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अन्य सभी फीस व पेनाल्टी
इससे यह साफ है कि पेमेंट सेटलमेंट अब पहले से ज्यादा जटिल और खर्चीला हो सकता है।
आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा?
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यदि आप हर महीने पूरा बिल नहीं भरते हैं और सिर्फ MAD का भुगतान करते हैं, तो अब आपकी देय राशि में भारी बढ़ोतरी हो जाएगी।
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लेट पेमेंट करने पर ब्याज और फाइनेंस चार्ज भी बढ़ेंगे, जिससे क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल महंगा पड़ सकता है।
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एयर एक्सीडेंट बीमा बंद होने से प्रीमियम कार्ड की वैल्यू कम होगी।
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EMI और चार्जेस के शामिल होने से पेमेंट सेटलमेंट में ध्यानपूर्वक भुगतान की आवश्यकता होगी, वरना क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ सकता है।
क्या करें क्रेडिट कार्ड यूज़र्स?
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15 जुलाई से पहले अपने क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल चुका दें।
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क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते समय EMI और चार्जेस की जानकारी रखें।
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कोशिश करें कि हर महीने Total Amount Due का ही भुगतान करें, ताकि ब्याज और पेनाल्टी से बचा जा सके।
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अगर आप एयर ट्रैवल करते हैं तो अन्य बीमा विकल्पों की तलाश करें, क्योंकि अब SBI कार्ड ये सुविधा नहीं देगा।
निष्कर्ष
SBI द्वारा लागू किए जा रहे ये बदलाव कार्डधारकों के लिए वित्तीय अनुशासन और समय पर भुगतान की जरूरत को और बढ़ा रहे हैं। यदि आप स्मार्ट तरीके से अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तो इन नियमों के असर से खुद को बचा सकते हैं। लेकिन अनदेखी करने पर यह बदलाव आपकी जेब पर भारी पड़ सकते हैं।
अब समय है सावधान रहने का — 15 जुलाई से पहले बिल चुका दें और नए नियमों के अनुरूप खुद को तैयार करें।