भुवनेश्वर, 15 जून 2021 जब हम ह्यूमन ट्रैफिकिंग के बारे में सुनते हैं तो सोचते हैं कि यह अपराधी प्रवृति के लोगों का काम है। मगर ओडिशा में एक ऐसी घटना सामने आई है जो हमारे इस विचार को परिवर्तित कर देगी। ओडिशा के राजधानी भुवनेश्वर के एक घर से एक नाबालिक लड़की को छुड़ाया गया है, जिसे बंधक बना कर घरेलू नौकर के तौर पर काम लिया जा रहा था। इससे भी बड़ी बात यह है कि यह घर एक पूर्व जिला कलेक्टर का है। और तो और उस पूर्व कलेक्टर का बेटा एक प्रोफेसर और बहू एक स्कूल की संस्थापिका है।
पूर्व जिला कलेक्टर के घर से उक्त नाबालिक लड़की को छुड़ाने वाले चाइल्डलाइन निदेशक बेनुधर सेनापति ने इस घटना के बारे में बताया, “भुवनेश्वर में एक पूर्व जिला कलेक्टर के घर से एक नाबालिग लड़की को छुड़ाया गया। गरीब लड़की को गंजम से तस्करी कर घरेलू नौकर के रूप में लगाया गया था। पूर्व कलेक्टर का बेटा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (हैदराबाद में) में प्रोफेसर है, जबकि उसकी बहू एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल (आईआरसी गांव में) की संस्थापिका है। हमें उम्मीद है कि आरोपी को दंडित किया जाएगा।”
ओडिशा की यह घटना अपने आप में बहुत आश्चर्यचकित करने वाली है। मगर बड़े-बड़े शहरों में कुछ घरेलू नौकरों की उम्र देखने के बाद ओडिशा की इस घटना पर आश्चर्य नहीं होता है। भुवनेश्वर से छुड़ाई गई लड़की तो एकमात्र घटना है। न जाने ऐसे कितने ही नाबालिक बच्चे बड़े शहरों के बड़े-बड़े घरों में शोषण का शिकार हो रहे हैं। गंजम जैसे पिछड़े इलाकों से लोगों की गरीबी का फायदा उठा कर बिचौलिये बच्चों को उनके मां-बाप से खरीद कर बड़े शहरों में बेच देते हैं और फिर इनका लगातार शोषण होते रहता है।