पटना, 2 दिसंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन) बिहार के मुंगेर के डीआईजी रहें शफीउल हक को निलंबित कर दिया गया है। उन पर अपने अधीनस्त पुलिसकर्मीयों से जबरन वसूली के आरोप में यह कार्रवाई की गई है। बुधवार को गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में उन्हें निलंबित कर दिया गया। उनके ख़िलाफ़ शिकायत थी की वह मुंगेर में डीआईजी की भूमिका में तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार में लिप्त थे और इस मामले की जांच ईओयू से कराई गई।
ईओयू (आर्थिक अपराध शाखा) की रिपोर्ट के मुताबिक शफीउल हक के द्वारा सहायक अवर पुलिस निरीक्षक मो. उमरान और एक निजी व्यक्ति के माध्यम से मुंगेर के अधीन बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों से अवैध राशि की उगाही कराई जा रही थी। आदेश के मुताबिक जांच में यह पाया गया कि वसूली करने वाले पुलाव निरीक्षक मो. उमरान के गलत कार्यों की जानकारी होने के बावजूद डीआईजी ने कोई कार्रवाई नहीं की।
जांच में साफ़ साफ़ पाया गया की पूरे घटनाक्रम में उनकी सहभागिता दिखती है और वह भ्रष्टाचार में प्रमुख भूमिका पाए जाते है। डीआईजी शफीउल हक के संदिग्ध आचरण और इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा उनके खिलाफ विस्तृत जांच के लिए विभागीय कार्यवाही चलाने का भी निर्णय लिया है और इन आरोपों के मद्देनजर राज्य सरकार ने शफीउल हक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है। भ्रष्टाचार में लिप्त आईपीएस अधिकारी की निलंबन अवधि का उनका मुख्यालय आईजी पटना के कार्यालय में होगा जहां उनके ख़िलाफ़ मामले में आगे की जांच की जाएगी। बता दें अधिकारी शफ़ीउल हक़ के 27 साल के करियर में उनका 21 बार तबादला किया गया।