बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद अब गुरुवार (20 नवंबर) को मुख्यमंत्री दसवीं बार पद की शपथ लेने जा रहे हैं। यह समारोह पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित किया जाएगा, जिसे भव्य और उत्सवपूर्ण बनाने की तैयारी है। इस खास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत एनडीए (NDA) शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे, जो बिहार में बनी नई सरकार के लिए केंद्र के मजबूत समर्थन को दर्शाता है।
शपथ ग्रहण समारोह का समय और सीधा प्रसारण
शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार, 20 नवंबर को सुबह 11:30 बजे शुरू हो जाएगा। जनता इस ऐतिहासिक पल को कई माध्यमों से लाइव देख सकती है। एबीपी न्यूज़ टीवी के साथ-साथ, एबीपी लाइव और एबीपी न्यूज़ के सोशल मीडिया हैंडल जैसे यूट्यूब, एक्स (पहले ट्विटर) और फेसबुक पर भी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण उपलब्ध रहेगा।
'पहली बार हो रहा है ऐसा उत्सव का माहौल'
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों और उत्साह पर बोलते हुए, बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि इस तरह का शपथग्रहण समारोह बिहार के इतिहास में पहली बार हो रहा है। उन्होंने कहा कि गांधी मैदान में पहले भी शपथ ग्रहण समारोह हुए हैं, लेकिन इस बार का माहौल उत्सव जैसा है। यह जीत और नई शुरुआत का जश्न है। जायसवाल ने आगे कहा कि इस समारोह की सबसे खास बात यह है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनेंगे। यह न केवल राज्य के लिए, बल्कि एनडीए गठबंधन के लिए भी एक गर्व का क्षण है।
दो से तीन लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान
बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने बताया कि गांधी मैदान में होने वाले इस कार्यक्रम में राज्य भर से लगभग 2 से 3 लाख मतदाता मौजूद रहेंगे। यह भारी जनभागीदारी एनडीए की जीत के प्रति जनता के विश्वास को दर्शाती है। दिलीप जायसवाल ने कहा, "एक उत्सव का माहौल होगा। विकसित बिहार का सपना पूरा करने के लिए हम आगे बढ़ चुके हैं।" उन्होंने जोर दिया कि बिहार विधानसभा चुनाव में लोगों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व और पीएम मोदी की गारंटी पर भरोसा जताते हुए एनडीए को प्रचंड बहुमत दिया है। यह जनादेश केवल सरकार बनाने का नहीं, बल्कि राज्य के विकास को गति देने का है।
एनडीए की शानदार जीत का ब्यौरा
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 243 सीटों में से 203 सीटें अपने नाम की। इस प्रचंड बहुमत ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार की जनता ने गठबंधन के विकास के एजेंडे को स्वीकारा है। इसके विपरीत, महागठबंधन का इस चुनाव में सूपड़ा साफ हो गया और उसके खाते में महज 35 सीटें आईं। इस निर्णायक जीत के साथ ही यह तय हो गया है कि बिहार में अगले पांच साल तक एनडीए की सरकार होगी, जिसका मुख्य फोकस राज्य में स्थिरता, सुशासन और विकास पर रहेगा। यह शपथ ग्रहण समारोह, बिहार के राजनीतिक इतिहास में एक नए और महत्वपूर्ण अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है।