21 जून 2025, को पूरी दुनिया ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। यह दिन भारत के सांस्कृतिक गौरव और विश्व बंधुत्व का प्रतीक बन गया है। इस वर्ष भी योग दिवस वैश्विक स्तर पर धूमधाम से मनाया गया। भारत में इस आयोजन को और भी खास बनाया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, जिन्होंने आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम में 3 लाख से अधिक लोगों के साथ सामूहिक योगाभ्यास किया।
विशाखापत्तनम से योग की वैश्विक गूंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में भव्य आयोजन की अगुवाई की, जहां लाखों लोगों ने उनके साथ योगाभ्यास किया। इस दौरान मंच पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और उप-मुख्यमंत्री पवन कल्याण भी मौजूद रहे। इस विशाल आयोजन की सुरक्षा भारतीय नौसेना द्वारा संभाली गई, जो इस आयोजन की भव्यता और महत्व को दर्शाता है।
हरियाणा: योगगुरु रामदेव और सीएम सैनी की मौजूदगी
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में योग दिवस का आयोजन बड़े स्तर पर किया गया। इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और योगगुरु बाबा रामदेव ने सहभागिता निभाई। उन्होंने हजारों लोगों के साथ मिलकर योग किया और योग को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया।
दिल्ली: शिवराज सिंह चौहान और डॉ. एस. जयशंकर भी हुए शामिल
दिल्ली में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूसा के किसान मेला मैदान में योग किया। उन्होंने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है।
वहीं, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी दिल्ली में मौजूद विभिन्न डिप्लोमेटिक मिशनों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर योग किया। उनका यह कदम यह दिखाता है कि भारत किस प्रकार योग को वैश्विक संवाद और शांति का माध्यम बना रहा है।
बिहार: स्वास्थ्य मंत्री ने बताया योग का महत्व
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने योग दिवस पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की वजह से आज दुनिया योग अपना रही है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष योग दिवस की थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ (One Earth, One Health) रखी गई है। उन्होंने कहा कि योग मन, शरीर और आत्मा के बीच तालमेल को बेहतर बनाता है।
जम्मू-कश्मीर: सेना के साथ योग
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, और भारतीय सेना के जवानों ने योग किया। इस आयोजन से यह संदेश गया कि योग केवल नागरिक जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि रक्षा बलों की दिनचर्या में भी इसकी अहम भूमिका है।
विदेशों में भी हुआ भव्य आयोजन
सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि 191 देशों में योग दिवस पर कार्यक्रम आयोजित हुए। भारत के विभिन्न दूतावासों और मिशनों ने स्थानीय नागरिकों, भारतीय प्रवासियों और विदेशी नेताओं के साथ मिलकर योग अभ्यास किया।
निष्कर्ष: भारत बना वैश्विक योग गुरु
योग दिवस 2025 एक बार फिर साबित कर गया कि भारत का यह प्राचीन विज्ञान अब वैश्विक चेतना का हिस्सा बन चुका है। देश के हर कोने से लेकर विदेशों तक, योग ने न केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई है, बल्कि शांति, सह-अस्तित्व और समरसता की भावना को भी बल दिया है।
आज जब दुनिया तनाव, युद्ध और अस्थिरता से गुजर रही है, योग एक हीलिंग टूल बनकर सामने आया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने योग को वैश्विक मंच पर स्थापित किया है और यह आगे भी विश्व शांति और मानवीय एकता के पथ पर अग्रसर रहेगा।