दिल्ली की एक अदालत ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े एक मामले में राजद नेता लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती को बुधवार को जमानत दे दी। 74 वर्षीय लालू प्रसाद, जिनका हाल ही में गुर्दा प्रत्यारोपण हुआ था और व्हीलचेयर पर थे, सुबह करीब 10 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे, लेकिन कार्यवाही में देरी हुई। परिवार पूर्वाह्न करीब 11 बजे विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल के समक्ष पेश हुआ। जमानत 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के एक-एक जमानत पर दी गई। यह मामला 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को उपहार में दी गई या बेची गई भूमि के बदले में रेलवे में की गई कथित नियुक्तियों से संबंधित है।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि भर्ती के लिए भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में अनियमित नियुक्तियां की गईं। इसमें आरोप लगाया गया है कि इसके एवज में, उम्मीदवारों ने सीधे या अपने करीबी रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को मौजूदा बाजार दरों के पांचवें हिस्से तक अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची। विशेष न्यायाधीश गोयल ने 27 फरवरी को मीसा भारती समेत सभी आरोपियों को समन जारी कर 15 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था.