आज से यानी 1 सितंबर 2025 से देश में सात बड़े वित्तीय बदलाव लागू हो गए हैं, जिनका असर सीधे तौर पर आम आदमी की महीनेभर की प्लानिंग और बजट पर पड़ सकता है। इनमें एलपीजी के रेट, फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम, पेंशन स्कीम, क्रेडिट कार्ड नियम, पोस्टल सर्विस, एटीएम ट्रांजेक्शन नियम और चांदी की हॉलमार्किंग जैसे बदलाव शामिल हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कौन-कौन से बदलाव आज से प्रभावी हो गए हैं:
1. कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर सस्ता हुआ
आज से 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कटौती की गई है।
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दिल्ली: ₹1581
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कोलकाता: ₹1683
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मुंबई: ₹1531
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चेन्नई: ₹1737
एलपीजी सिलेंडर के दामों में ₹51 की कमी की गई है। हालांकि, घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
2. भारतीय डाक व्यवस्था में बड़ा बदलाव
आज से भारतीय डाक की सामान्य डाक सेवा को बंद कर दिया गया है। अब साधारण डाक की जगह सभी पोस्टिंग के लिए स्पीड पोस्ट सेवा का ही उपयोग किया जाएगा। इससे डिलीवरी में तेजी तो आएगी, लेकिन खर्च भी थोड़ा बढ़ सकता है।
3. क्रेडिट कार्ड पर रिवॉर्ड प्वॉइंट नियमों में बदलाव
SBI क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव किया गया है।
अब से डिजिटल गेमिंग, ऑनलाइन गेमिंग और गवर्नमेंट वेबसाइट्स पर ट्रांजैक्शन करने पर रिवॉर्ड प्वॉइंट्स नहीं मिलेंगे। यह बदलाव खासकर उन यूजर्स के लिए मायने रखता है, जो इन प्लेटफॉर्म्स पर नियमित लेन-देन करते हैं।
4. FD स्कीम की डेडलाइन खत्म
आज से दो प्रमुख बैंकों — इंडियन बैंक और IDBI बैंक की कुछ खास FD योजनाएं बंद हो गई हैं।
अब इन टेन्योर पर FD कराना संभव नहीं होगा। ग्राहकों को नई योजनाओं की ओर रुख करना होगा।
5. NPS में UPS स्कीम चुनने की डेडलाइन बढ़ी
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है।
UPS (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) चुनने की डेडलाइन अब 30 सितंबर 2025 कर दी गई है। इससे पहले यह डेडलाइन 30 अगस्त थी। यह बदलाव कर्मचारियों को पेंशन प्लान चुनने में अतिरिक्त समय देगा।
6. ATM ट्रांजेक्शन नियम यथावत
1 मई 2025 से लागू हुए ATM ट्रांजेक्शन के नए नियम अभी भी लागू रहेंगे।
7. चांदी की हॉलमार्किंग अनिवार्य होने की संभावना
सितंबर महीने में चांदी की हॉलमार्किंग को अनिवार्य किया जा सकता है। इससे चांदी की शुद्धता को लेकर पारदर्शिता बढ़ेगी, लेकिन कीमतों में उतार-चढ़ाव संभव है। उपभोक्ताओं को फायदा भी हो सकता है, वहीं दाम बढ़े तो जेब पर भार बढ़ेगा।
निष्कर्ष:
1 सितंबर से लागू हुए इन सात वित्तीय बदलावों का असर हर वर्ग के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा — चाहे वो एलपीजी उपभोक्ता हों, निवेशक, नौकरीपेशा व्यक्ति या फिर आम ग्राहक। ऐसे में जरूरी है कि आप इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए अपने बजट और वित्तीय योजनाओं में जरूरी समायोजन करें।