ताजा खबर
आज का इतिहास: 16 अप्रैल को हुआ था चार्ली चैपलिन का जन्म, जानें अन्य बातें   ||    एक मंदिर जो दिन में दो बार हो जाता है गायब, मान्यता- दर्शन मात्र से मिलता मोक्ष   ||    फैक्ट चेक: कानपुर में हुई युवक की पिटाई का वीडियो 'ब्राह्मण पर पुलिसिया अत्याचार' के गलत दावे के साथ...   ||    वानखेड़े स्टेडियम में प्रदर्शन के बाद धोनी ने युवा प्रशंसक को मैच बॉल गिफ्ट की   ||    फैक्ट चेक: मंदिर से पानी पीने के लिए नहीं, फोन चोरी के शक में की गई थी इस दलित बच्ची की पिटाई   ||    Navratri 2024: नवरात्रि के 7वें दिन करें सात उपाय, नौकरी और कारोबार में मिलेगी सफलता   ||    यूपीएससी रियलिटी चेक: उत्पादकता, घंटे नहीं, सबसे ज्यादा मायने रखती है; आईएएस अधिकारी का कहना है   ||    Breaking News: Salman Khan के घर के बाहर हुई फायरिंग, बाइक सवार 2 हमलावरों ने चलाई गोली, जांच में जु...   ||    चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने लिया ब्रेक, अचानक मिठाई की दुकान पर पहुंचे, गुलाब जामुन का उठाया लुत्...   ||    13 अप्रैल: देश-दुनिया के इतिहास में आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ   ||   

जम्मू कश्मीर पर केंद्र का बड़ा फैसला, पुलिस पदक योजना में हुआ संशोधन, जानिए क्यों

Photo Source :

Posted On:Tuesday, May 24, 2022

मुंबई, 24 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर पुलिस मेडल को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने मेडल से शेख अब्दुल्ला की तस्वीर हटाने का आदेश जारी किया है। शेख अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के संस्थापक और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री थे। मेडलों पर अशोक स्तंभ के सिंबल लगाने के संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी किए हैं। तो वही गृह विभाग के प्रधान सचिव आरके गोयल के आदेश में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस पदक योजना के पैरा 4 में संशोधन किया गया है। मेडल के एक तरफ उभरा हुआ 'शेर-ए-कश्मीर' शेख मोहम्मद अब्दुल्ला को भारत सरकार के राष्ट्रीय प्रतीक से बदल दिया जाएगा।

इससे पहले भी सरकार ने ‘शेर ए कश्मीर पुलिस पदक’ का नाम बदलकर जम्मू कश्मीर पुलिस पदक कर दिया था। 'शेर ए कश्मीर' शेख अब्दुल्ला को कहा जाता है। शेख अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के पिता थे। फारूक अब्दुल्ला जब जम्मू कश्मीर के सीएम बने थे, तब उन्होंने अपने पिता की याद में पुलिसकर्मियों को दिए जाने वाले मेडल पर उनकी फोटो लगा दी थी।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम कविंद्र गुप्ता ने इस फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि गुलामी के ऐसे सभी प्रतीकों को खत्म कर दिया जाना चाहिए। शेख अब्दुल्ला ने जिस अलगाववादी मानसिकता का प्रचार किया, उसे समाप्त कर दिया गया है। तो वही नेशनल कॉन्फ्रेंस ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर विरोध जताया है। पार्टी प्रवक्ता इमरान नबी डार ने इसे ‘इतिहास मिटाने वाला’ फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान करते हैं, लेकिन ये फैसला नफरत को दिखाता है। पार्टी के प्रांतीय सचिव शेख बशीर ने कहा कि यह फैसला नेशनल कॉन्फ्रेंस और शेख अब्दुल्ला को बदनाम करने के लिए लिया गया है।


बनारस और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. banarasvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.