मुंबई, 26 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। तेलंगाना दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी चेन्नई पहुंचे। यहाँ DMK के नेताओं ने पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया। वे चेन्नई में 31 हजार करोड़ से अधिक की लागत के विकास कार्यों का उद्घाटन एवं शिलान्यास करने आए हैं। पीएम मोदी लाइट हाउस प्रोजेक्ट-चेन्नई के तहत बने 1 हजार152 घरों का उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना का निर्माण प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत 116 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। इसके अलावा वे पांच रेलवे स्टेशनों- चेन्नई एग्मोर, रामेश्वरम, मदुरै, काटपाडी और कन्याकुमारी के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखेंगे। चेन्नई में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 31 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स की लॉन्चिंग के दौरान CM स्टालिन ने लैंग्वेज वॉर को नया मोड़ दिया। उन्होंने कहा कि पीएम सुन रहे हैं इसलिए मैं अपील करता हूं, हम पर हिंदी मत थोपिए, तमिल को भी हिंदी के बराबर समझिए।
PM मोदी ने तेलंगाना दौरे पर पहुंचे। जहाँ हैदराबाद के बेगमपेट एयरपोर्ट के पास भाजपा कार्यकर्ताओं की एक रैली में उन्होंने परिवारवाद और अंधविश्वास पर निशाना साधा। PM ने कहा कि मैं तेलंगाना की धरती से CM योगी आदित्यनाथ जी को भी बधाई देता हूं। उनको किसी ने कहा कि फलां जगह पर नहीं जाना चाहिए, लेकिन योगी जी ने कहा कि मैं विज्ञान पर विश्वास करता हूं और वो चले गए। आज वो दोबारा मुख्यमंत्री बने हैं। अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले लोगों से हमें तेलंगाना को भी बचाना है। उन्होंने कहा कि परिवारवाद ने युवाओं से राजनीति का मौका छीना है। अंधविश्वासी लोग तेलंगाना का विकास नहीं चाहते।
PM ने आगे कहा कि तेलंगाना के लोग देख रहे हैं कि जब एक परिवार को समर्पित पार्टियां जब सत्ता में आती हैं, तो कैसे उस परिवार के सदस्य भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा चेहरा बन जाते हैं। परिवारवादी पार्टियां सिर्फ अपना विकास करती हैं, अपने परिवार के लोगों की तिजोरियां भरती है। परिवारवाद की वजह से देश के युवाओं और प्रतिभाओं को राजनीति में आने का अवसर भी नहीं मिलता है। यह उनके हर सपनों को कुचलता है, उनके लिए हर दरवाजा बंद करता है। इसलिए, आज 21वीं सदी के भारत के लिए परिवारवाद से मुक्ति, परिवारवादी पार्टियों से मुक्ति एक संकल्प भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों तक चले तेलंगाना आंदोलन में हजारों लोगों ने अपना बलिदान दिया था। ये बलिदान तेलंगाना के भविष्य के लिए था। ये बलिदान, तेलंगाना की आन-बान-शान के लिए था। तेलंगाना आंदोलन इसलिए नहीं चला था कि कोई एक परिवार तेलंगाना के विकास के सपनों को लगातार कुचलता रहे। जहां- जहां परिवारवादी पार्टियां हटी हैं, वहां- वहां विकास के रास्ते भी खुले हैं। अब इस अभियान को आगे बढ़ने की जिम्मेदारी तेलंगाना के मेरे भाइयों बहनों की है।
इस दौरान CM स्टालिन ने कहा कि जब प्रधानमंत्री तमिलनाडु आए हैं तो मैं उनसे कुछ विशेष अपील करता हूं। हम प्रधानमंत्री से कच्चातीवु द्वीप (श्रीलंका) वापस लाने की अपील करते हैं ताकि हमारे मछुआरे हमारे समुद्र में स्वतंत्र रूप से मछली पकड़ सकें। हम नीट परीक्षा का विरोध कर रहे हैं और हमने विधानसभा में एक विधेयक भी पारित किया है। हम पीएम से तमिलनाडु को NEET परीक्षा से छूट देने की अपील करते हैं। साथ ही मैं सरकार से 14,006 करोड़ रुपए की बकाया सेंट्रल GST को हमें वापस करने की अपील भी करता हूं। उन्होंने यह भी कहा की मैं यह निवेदन भी करता हूं कि हाईकोर्ट में तमिल को आधिकारिक भाषा घोषित किया जाना चाहिए।