गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), 7 दिसंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार 7 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर दौरे पर पहुंचें और 9600 करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं उद्घाटन करते हुए राष्ट्र को समर्पित किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। इस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास परियोजनाओं की प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया।
इसी अवसर पर गोरखपुर में आयोजित कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने भाड़ी भीड़ का अभिवादन और संबोधन किया। अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि गोरखपुर में उर्वरक संयंत्र और एम्स की शुरुआत कई संदेश दे रही है। जब डबल इंजन वाली सरकार होती है तो डबल स्पीड में काम होता है। जब ईमानदार इरादे से काम किया जाता है, तो विपत्ति भी बाधा नहीं बन सकती। ये लोग कभी नहीं समझ सकते कि कोरोना संकट के दौरान भी डबल इंजन वाली सरकार विकास के साथ चलती रही, इसने काम नहीं रुकने दिया।
नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि जब कोई सरकार उत्पीड़ित और वंचित वर्गों की चिंता करती है, तो वह कड़ी मेहनत करती है और परिणाम भी देती है। गोरखपुर में आज का कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि जब ठान लिया जाए तो नए भारत के लिए कुछ भी असंभव नहीं।
गोरखपुर में सभा को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पूरा यूपी जानता है कि 'लाल टोपी' को 'लाल बत्ती' की ही परवाह थी। उन्हें आपके दर्द और समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं था। 'रेड कैप' सत्ता चाहते हैं - घोटालों के लिए और अपने खजाने को भरने के लिए, अवैध अतिक्रमण के लिए, माफिया को स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए। 'रेड कैप' आतंकवादियों के प्रति नरमी दिखाने, उन्हें जेलों से बाहर निकालने के लिए सरकार बनाना चाहते हैं। इसलिए हमेशा याद रखें कि 'रेड कैप' यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं - वे खतरे की घंटी हैं।
गोरखपुर में पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि यहां के किसानों और रोजगार के लिए गोरखपुर उर्वरक संयंत्र के महत्व को हर कोई जानता था। लेकिन पिछली सरकारों ने इसे शुरू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। सभी जानते थे कि एम्स गोरखपुर लंबे समय से लंबित मांग है, लेकिन 2017 से पहले की सरकारों ने इसके लिए जमीन आवंटित करने का बहाना बनाया।
इसी कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी संबोधन दिया। उन्होंने कहा “आज हम गोरखपुर में कोरोना, इंसेफेलाइटिस और अन्य बीमारियों के परीक्षण के लिए क्षेत्रीय वायरल अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन करते हैं। इससे पहले गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस के मरीजों के सैंपल पुणे भेजे गए थे और इसकी पुष्टि होने तक मरीज की या तो मौत हो चुकी थी या वह लकवाग्रस्त हो चुका था।”
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि 1990 में उर्वरक कारखाना बंद कर दिया गया था और 2014 तक, किसी ने भी इसे फिर से शुरू करने की पहल नहीं की। गोरखपुर 40 वर्षों से चिकित्सा मुद्दों से लड़ रहा था और राज्य और केंद्र सरकार की लापरवाही के कारण हजारों लोग मारे गए। आज यूपी 17 करोड़ वैक्सीन के मील के पत्थर पर पहुंच गया है।
सीएम योगी ने सभा के अंत में कहा कि आज का यह उद्घाटन कार्यक्रम पूर्वी यूपी के लोगों के लिए एक सपने के सच होने जैसा है जो विपक्ष के लिए असंभव था। पिछले 30 सालों में यूपी में 5 सरकारें आईं और गईं। गोरखपुर में खाद बनाने की फैक्ट्री शुरू करने की हिम्मत सिर्फ भाजपा सरकार में ही थी।