नई दिल्ली, 23 अप्रैल। दिल्ली में हर दिन कोरोना से हुई मौत के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त हो रहे हैं। शुक्रवार को आये आंकड़े के अनुसार दिल्ली में बीते 24 घण्टे के अंदर 348 लोगों की मौत हो गई है। वहीं इस आपदा से संक्रमित होने वालों की संख्या 24,331 तक पहुंच गई। वहीं संक्रमण दर में 32.43 प्रतिशत रही। लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के चलते राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या 92,029 हो गई है।
ये आंकड़े डराने वाले इसलिए भी हैं क्योंकि दिल्ली इस समय साप्ताहिक कर्फ्यू के प्रतिबंध से गुजर रही है। ऐसे हालात में दिल्ली में कोरोना के आंकड़ों का इस तरह से बढ़ना सरकार और नागरिकों-- दोनों के लिए बेहद चिंता की बात है। देश कीा राजधानी में स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो जाना एक गंभीर संकेत है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से बुरी तरह से प्रभावित है। दिल्ली में आईसीयू बेड की भारी किल्लत है। ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र के सामने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हो रही इस बैठक में भी उठाया। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से प्रश्न करते हुए कहा कि 'दिल्ली में ऑक्सीजन की भारी कमी है। अगर यहां ऑक्सीजन पैदा करने वाला प्लांट नहीं है तो क्या दिल्ली के लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी? कृपया सुझाव दें कि सेंट्रल गवर्नमेंट में मुझे किससे बात करनी चाहिए, जब दिल्ली के लिए ऑक्सीजन टैंकर को दूसरे राज्य में रोका जाता है ?'
केजरीवाल यहीं नहीं रुके उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा कि 'ऑक्सीजन की कमी काफी ज्यादा है, सरकार को देश के ऑक्सीजन प्लांट को कंट्रोल में लेकर सेना को सौंप देना चाहिए ताकि सभी राज्यों को ऑक्सीजन तुरंत मिल पाए। मुख्यमंत्री ने अपील की है कि हवाई मार्ग से भी ऑक्सीजन मिलनी चाहिए, जबकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस की सुविधा दिल्ली में भी शुरू होनी चाहिए। देश में वैक्सीन सभी को एक ही दाम पर मिलनी चाहिए, केंद्र-राज्य को अलग-अलग दाम में वैक्सीन नहीं मिलनी चाहिए।'
हांलाकि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक की बातचीत को प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर जारी किया। इसको लेकर भी सवाल उठे और मुख्यमंत्री को खेद प्रकट करना पड़ा।