मुंबई, 04 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में पहली बार रोबोट की मदद से किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी की गई। इससे पहले यहां रोबोट का इस्तेमाल केवल अन्य प्रकार की सर्जरी में किया जाता था। करीब साढ़े तीन घंटे तक चली इस सर्जरी में 71 वर्षीय मां ने अपने 34 साल के बेटे को किडनी दी। युवक की दोनों किडनियां खराब हो चुकी थीं और वह पिछले कुछ महीनों से डायलिसिस पर निर्भर था। डॉक्टरों के अनुसार उसकी किडनी हाई ब्लड प्रेशर की वजह से फेल हुई थी। एसएमएस के यूरोलॉजी विभाग के एचओडी और सीनियर प्रोफेसर डॉ. शिवम प्रियदर्शी ने बताया कि इस सर्जरी में डॉ. नीरज अग्रवाल, डॉ. गोविंद शर्मा और डॉ. सोमेंद्र बंसल ने अहम भूमिका निभाई। वहीं एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. वर्षा कोठारी, डॉ. अनुपमा गुप्ता और डॉ. सिद्धार्थ शर्मा ने सहयोग दिया।
ऑपरेशन में महिला की किडनी दूरबीन तकनीक से निकाली गई, जिसके लिए 5 से 6 सेंटीमीटर का छोटा चीरा लगाया गया। बेटे का ऑपरेशन रोबोट से किया गया, जहां 6 से 7 सेंटीमीटर का चीरा लगाकर नई किडनी प्रत्यारोपित की गई। पूरी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करने में साढ़े तीन घंटे लगे। एसएमएस सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के अधीक्षक डॉ. विनय मल्होत्रा ने बताया कि बीते दस साल में अस्पताल में 800 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि रोबोटिक तकनीक से मरीजों को खासा लाभ होता है क्योंकि इसमें चीरा छोटा लगता है और रिकवरी तेजी से होती है।