इस्लामाबाद: भारत द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' को भले ही कई महीने बीत चुके हों, लेकिन इसका खौफ पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व के मन में गहरे तक बैठा हुआ प्रतीत होता है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया बयान इस बात की साफ गवाही देते हैं कि इस्लामाबाद अभी भी सीमा पार से किसी अप्रत्याशित कार्रवाई की आशंका से डरा हुआ है। एक प्रमुख पाकिस्तानी समाचार चैनल, समा टीवी को दिए एक इंटरव्यू में, ख्वाजा आसिफ ने क्षेत्रीय संघर्षों और मौजूदा तनाव पर खुलकर बात की। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि पाकिस्तान किसी भी रूप में भारत पर भरोसा नहीं कर सकता और चेतावनी दी कि नई दिल्ली सीमा पार से हमले की कोशिश भी कर सकती है।
रक्षा मंत्री के ये बयान उस समय आए हैं जब पाकिस्तान क्षेत्रीय अस्थिरता, विशेष रूप से अफगानिस्तान से हो रही सीमा पार घुसपैठ से जूझ रहा है। आसिफ ने इन समस्याओं के लिए सीधे तौर पर भारत को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने सनसनीखेज दावा किया कि अफगानिस्तान की धरती से किए जा रहे हमलों में भारत शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि इस्लामाबाद भारतीय सेना प्रमुख के बयानों को नजरअंदाज नहीं कर सकता, जिससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान सैन्य नेतृत्व के सार्वजनिक वक्तव्यों पर कितनी गंभीरता से ध्यान दे रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ दिए बिना भी, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री की भाषा में भारत के प्रति गहरा अविश्वास और चिंता झलकती है। उनकी आशंकाएं पिछले भारतीय अभियानों, जैसे कि सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक, की याद दिलाती हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के लिए एक नई सुरक्षा चुनौती खड़ी कर दी थी। ऑपरेशन सिंदूर, जिसका विवरण सार्वजनिक रूप से कम उपलब्ध है, ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तानी सुरक्षा प्रतिष्ठान पर एक गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव डाला है, जिससे उन्हें लगातार भारत से खतरे की आशंका बनी रहती है।
ख्वाजा आसिफ ने यह भी दावा किया कि सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ईरान और चीन सहित क्षेत्रीय देशों ने पाकिस्तान में सीमा पार घुसपैठ को रोकने का आह्वान किया है। यह बयान पाकिस्तान की इस कोशिश को दर्शाता है कि वह इस मुद्दे को द्विपक्षीय दायरे से निकालकर एक क्षेत्रीय सुरक्षा चिंता के रूप में पेश करे और अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाए।
हालांकि, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के इन गंभीर आरोपों पर अभी तक न तो इस्लामिक अमीरात (अफगानिस्तान) और न ही भारत की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है। अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अतीत में बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं किया जाएगा। इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत और पाकिस्तान के संघर्ष को खत्म करने का बयान भी सुर्खियों में रहा, लेकिन क्षेत्रीय सुरक्षा का केंद्र बिंदु ख्वाजा आसिफ की भारत पर भरोसे की कमी और हमले की आशंका को लेकर दिया गया बयान ही बना हुआ है।
रक्षा मंत्री के बयानों से यह स्पष्ट है कि भारत और पाकिस्तान के बीच क्षेत्रीय तनाव उच्चतम स्तर पर है। जब तक विश्वास बहाल नहीं होता और सीमा पार घुसपैठ की समस्या का कोई संतोषजनक समाधान नहीं निकलता, तब तक दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच अस्थिरता और संघर्ष का जोखिम बना रहेगा। ख्वाजा आसिफ का डर इस बात का सूचक है कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत को पाकिस्तान के सामने एक अकाट्य सैन्य विकल्प दे दिया है, जिसने इस्लामाबाद को लगातार रक्षात्मक मुद्रा में रहने को मजबूर किया है।