नई दिल्ली, 15 अप्रैल। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने नई शिक्षा नीति-2020 के तहत विश्वविद्यालयों से ऐसी शिक्षा प्रदान करने पर बल दिया है जो शिक्षार्थी को आत्मनिर्भर बनाती हो।
केंद्रीय मंत्री पोखरियाल गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के 34वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में 2, 37,844 सफल छात्रों को डिग्री, डिप्लोमा और विभिन्न कार्यक्रमों के प्रमाण पत्र प्रदान किए। कोविड-19 मामलों में वृद्धि के मद्देनजर इग्नू मुख्यालय से वर्चुअल दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया।
समारोह में 29 मेधावी छात्रों को पदक दिए गए। समारोह में 55 पीएचडी और 13 एमफिल डिग्री प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। इस बार महिला छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और कुल 29 पदकों में से 21 महिला छात्रों को दिए गए हैं और कुल पीएचडी और एमफिल में 37 महिला छात्रा थीं।
पोखरियाल ने सफल शिक्षार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि इग्नू शुरू से ही मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा माध्यम से उच्चतर शिक्षा तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने में प्रसंशनीय भूमिका निभा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति का मुख्य आकर्षण आत्मनिर्भर है, जो शिक्षा प्रणाली में रचनात्मक बदलाव लाते हुए व्यावसायिक शिक्षा को एकीकृत करता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2035 तक 50 प्रतिशत जीईआर (सकल नामांकन अनुपात) के लक्ष्य को हासिल करने के मद्देनजर व्यावसायिक शिक्षा को समाहित कर समग्र शिक्षा पद्धति में ठोस परिवर्तन लाने में भी सहायक हो।
शिक्षा मंत्री ने विकल्प आधारित क्रेडिट पद्धति (सीबीसीएस) पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सीबीसीएस नई शिक्षा नीति- 2020 का एक अहम भाग है और यह शिक्षार्थियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों के गुलदस्ते से अपनी पसंद का पाठ्यक्रम चुनने का विकल्प प्रदान करती है। उन्होंने इग्नू को प्रेरित किया कि इग्नू देश की विविध आवश्यकताओं के अनुसार नए कार्यक्रम तैयार करने के साथ-साथ अपने मौजूदा अल्प स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के कार्यक्रमों को भी एक नया रूप अवश्य दे ताकि शिक्षा देने के साथ-साथ ऐसा ज्ञान, संबद्ध आबादी को रोजगार के उचित अवसर भी प्रदान करने में कारगर हो।
इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने अपने स्वागत भाषण में महामारी के कठिन दौर के बावजूद गत शैक्षणिक वर्ष में इग्नू की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने 56 क्षेत्रीय केंद्रों के नेटवर्क और अपने 21 विद्यापीठों के समन्वित प्रयासों से महामारी के दौर में भी डिजीटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से अपने सभी शिक्षार्थियों को सतत शैक्षणिक सहयोग प्रदान किया। कुलपति ने आगे इग्नू की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिछले शैक्षणिक वर्ष में क्षेत्रीय केंद्रों द्वारा संचालित आनलाइन सत्रों के अलावा विश्वविद्यालय की फेसबुक के जरिए इग्नू के संकाय सदस्यों द्वारा महामारी के दौरान भी 300 से भी अधिक शैक्षणिक सत्रों का आयोजन किया गया।