मुंबई, 04 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। तमिलनाडु के बाद मध्य प्रदेश और केरल ने भी कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब मध्यप्रदेश में पिछले 27 दिनों में इस सिरप के सेवन से 11 बच्चों की मौत हो गई। सभी बच्चे 1 से 5 साल की उम्र के थे। यह दवा तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित प्लांट में तैयार की जा रही थी। राजस्थान में भी कफ सिरप से लगातार मौतों की खबरें सामने आ रही हैं। चूरू जिले में छह साल के बच्चे की जयपुर के जेके लोन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इससे पहले सीकर और भरतपुर में भी एक-एक मौत हो चुकी है। भरतपुर में एक बुजुर्ग महिला की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला ने बताया कि उसने मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत मिला कफ सिरप सेवन किया था।
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में पहला संदिग्ध मामला 24 अगस्त को सामने आया था, जबकि पहली मौत 7 सितंबर को हुई थी। इसके बाद 15 दिनों के भीतर एक-एक कर छह बच्चों की जान चली गई। स्टेट फूड एंड ड्रग कंट्रोलर दिनेश कुमार मौर्य ने बताया कि कोल्ड्रिफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा तय सीमा से ज्यादा पाई गई, जिससे यह जहरीला हो गया और बच्चों की किडनी फेल हो गई।
राजस्थान में मौतों के मामलों ने सरकार को सख्त कार्रवाई के लिए मजबूर किया। यहां केसंस फार्मा कंपनी के बनाए डेक्सट्रोमेथोरफन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप पर सवाल उठे। इसी कंपनी की दवा पीने से बच्चों और बुजुर्ग की तबीयत बिगड़ी। सरकार ने कंपनी की सभी 19 दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया और ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा को निलंबित कर दिया। इससे पहले शर्मा ने कंपनी को जांच में क्लीन चिट दी थी। राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि मौतों की वजह कफ सिरप नहीं है। उन्होंने कहा कि दो बार जांच करवाई गई है, लेकिन अब तक ऐसा कुछ सामने नहीं आया है जिससे सिरप को मौतों का कारण ठहराया जा सके। फिलहाल मामले की गहन जांच जारी है।