मुंबई, 25 फरवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली कर्नाटक संघ के अमृत महोत्सव में एक भारत श्रेष्ठ भारत के कार्यक्रम में तालकटोरा स्टेडियम में शामिल हुए। सांस्कृतिक उत्सव बरिस कन्नड़ दिम दिवामा के उद्घाटन में मोदी ढोल बजाते नजर आए। उनका ये अंदाज कार्यक्रम में मौजूद लोगों पसंद आया। पिछले तीन महीने में ये तीसरी बार मोदी ने ढोल बजाया है। इससे पहले जनवरी में कर्नाटक के कुलबर्गी में और दिसंबर में नागपुर में उन्होंने ढोल बजाया था। इस दौरान पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि, आज दिल्ली कर्नाटक संघ के 75 वर्षों का यह उत्सव ऐसे समय में हो रहा है जब देश भी आजादी के 75 वर्ष का अमृत महोत्सव मना रहा है। जब हम 75 वर्ष पहले की परिस्थितियों को देखते हैं और आंकलन करते हैं तो इस प्रयास में हमें भारत की अमर आत्मा के दर्शन होते हैं। भारत की परंपराएं हों या भारत की प्रेरणाएं हों, कर्नाटक के बिना हम भारत को परिभाषित नहीं कर सकते हैं।
पौराणिक काल से भारत में कर्नाटक की भूमिका तो हनुमान की रही है। हनुमान के बिना न राम होते हैं, न रामायण बनती है। आज जब भारत G20 जैसे बड़े वैश्विक समूह की अध्यक्षता कर रहा है, तो लोकतन्त्र की जननी, Mother of Democracy के रूप में हमारे आदर्श हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं। कर्नाटक परंपराओं और टेक्नालजी की धरती है। यहां ऐतिहासिक संस्कृति भी है और मॉर्डन आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस भी। आज का भारत हमारी सदियों पुरानी चोरी हुई मूर्तियों को विदेशों से वापस ला रहा है। आज एक ओर भारत अपने प्राचीन मंदिरों को, सांस्कृतिक केन्द्रों को पुनर्जीवित कर रहा है। हम आज डिजिटल पेमेंट के मामले में वर्ल्ड लीडर हैं। सरकार अपर भद्रा प्रोजेक्ट की मांग को भी पूरा कर रही है। जिससे कर्नाटक के बड़े सूखा प्रभावित क्षेत्र को लाभ होगा। वहीं,आज जब पूरा विश्व श्री अन्न के फायदों और इसकी जरूरत को समझ रहा है और कर्नाटक श्री अन्न का प्रमुख केंद्र है। अब इसकी मांग भी बढ़ने वाली है, इससे कर्नाटक के किसानों को लाभ होगा।