नई दिल्ली, 16 फरवरी ( न्यूज हेल्पलाइन ) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविदास जयंती के अवसर पर यहां करोल बाग स्थित ‘श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर’ में बुधवार को प्रार्थना की। देशभर में संत कवि रविदास के अनुयायी हैं। इनमें दलित समुदाय के लोगों की बड़ी संख्या है।
मध्यकालीन कवि एवं समाज सुधारक संत रविदास ने अपने दोहों और उपदेशों के माध्यम से जाति आधारित सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संदेश दिया। इससे पहले, मोदी ने मंगलवार को गुरु रविदास की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने जातिवाद और छुआछूत जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हर कदम और योजना में गुरु रविदास की भावना को आत्मसात किया है। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को बताया था कि रविदास जयंती के अवसर पर वह यहां करोल बाग स्थित ‘श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर’ में सुबह नौ बजे जन कल्याण के लिए प्रार्थना करेंगे।
पंजाब चुनाव के लिहाज से सभी राजनेता दलित समुदाय को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए रविदास जयंती के मौके पर अलग-अलग मंदिर पहुंचने वाले हैं. इस मौके पर कई कार्यक्रम भी होने हैं. बता दें कि पंजाब में पहले 14 फरवरी को मतदान होना था। लेकिन चुनाव आयोग ने रविदास जयंती को ध्यान में रखकर ही चुनाव की तारीख को बदलकर 20 फरवरी कर दिया।
इसकी मांग सीएम चन्नी ने खुद उठाई थी, जिसका समर्थन तमाम राजनीतिक पार्टियों ने किया था।पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने आयोग से चुनाव तारीखें आगे बढ़ाने की मांग की थी। सीएम चन्नी के अलावा बीजेपी, बीएसपी और पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी ने भी तारीखें बढ़ाने को लेकर पत्र लिखा था।
दरअसल, पंजाब में संत रविदास के काफी संख्या में अनुयायी हैं।बताया गया था कि 16 फरवरी को रविदास जयंती के मौके पर पंजाब से बड़ी संख्या में लोग वाराणसी जाते हैं।लंबे सफर की वजह से लोग पहले ही निकल जाएंगे। ऐसे में वे वोट नहीं डाल पाएंगे, जो ठीक नहीं होगा।
बनारस के ही सीरगोवर्धन गांव में संत रविदास का जन्म हुआ था। यहां हर साल रविदास जयंती पर समारोह होता है। इसमें शामिल होने के लिए पंजाब से लाखों श्रद्धालु आते हैं।