नई दिल्ली, 23 फरवरी ( न्यूज हेल्पलाइन ) IAS अफसर बनने के लिए कई छत्रा कई सालों तक संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करते है। IAS अफसर बनने का सपना देखने वाले छात्र कोचिंग से लेकर कई घंटों तक अपनी पढ़ाई पर के केन्द्रीत रहते है। लेकिन पंजाब की रहने वाली रूकमणी ने बिना कोचिंग किए यूपीएससी एग्जाम की तैयारी की और पहले ही प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया में दूसरी रैंक हासिल कर IAS अफसर बनने का सपना पूरा किया है।
पंजाब के गुरूदासपुर की रहने वाली रूक्मिणी रियार बचपन से पढ़ाई में कुछ ठीक नहीं थी। एक बार वह कक्षा छठी में फेल हो गई थी। जब रूक्मिणी कक्षा छठी में फेल हुई थी, तब वह अपने परिवार और शिक्षाकों के सामने नहीं जा सकी थी। वह काफी तनाव में आ गई और डिप्रेशन का शिकार हो गई। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने आप को टेंशन से बाहर निकाला और आज वह आईएएस बनने का सपना देखने वाले छात्रों के लिए प्रेरणा बनी।
रुक्मिणी रियार की शुरूआती शिक्षा पंजाब के गुरूदासपुर से हुई थी। इसके बाद उन्होनें डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल भेजा गया। रूक्मिणी रियार ने कक्षा 12वीं के बाद अमृतसर के गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की थी। ग्रेजुएशन करने के बाद वह मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट से मास्टर्स की डिग्री हासिल जिसमें वह गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद रुक्मिणी ने कई गैर सरकारी संगठनों में इंटर्नशिप की। इस दौरान ही रुक्मिणी ने कई गरीब बस्तियों में लोगों की मदद की, तभी उनके मन में सिविल सर्विस की तैयारी करने का ख्याल आया।
इंटर्नशिप के बाद रुक्मिणी रियार ने सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी शुरू की और कड़ी मेहनत से पहले प्रयास में ही सफलता हासिल कर ली। खास बात रही कि उन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए किसी तरह की कोचिंग ज्वाइन नहीं की और सेल्फ स्टडी पर भरोसा किया। रुक्मिणी ने साल 2011 में ऑल इंडिया में दूसरी रैंक हासिल की और आईएएस अफसर बनने का सपना पूरा किया। रूक्मिणी के अनुसार उन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कक्षा 6वीं से 12वीं तक की एनसीईआरटी की किताबों से तैयारी की। इसके साथ ही इंटरव्यू की तैयारी के लिए वह रोजाना अखबार और मैग्जीन पढ़ती थीं।