मुंबई, 31 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद पार्टी में हलचल मची पड़ी है। कांग्रेस के अन्य कई बड़े नेता भी अब बगावत करने का विचार कर रहे है। जिसमे एक सीनियर लीडर आनंद शर्मा भी बगावती मूड में दिख रहे हैं। हिमाचल प्रदेश से आने वाले आनंद शर्मा ने बुधवार को पार्टी के मेनिफेस्टो प्रोग्राम से किनारा कर लिया। वे इसमें शामिल नहीं हुए। इससे पहले शर्मा ने 21 अगस्त को हिमाचल कांग्रेस की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था। हालांकि तब उन्होंने कहा था कि वे विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के लिए वोट जरूर मांगेंगे।
आनंद शर्मा ने 28 अगस्त को CWC की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि ब्लॉक, जिले और राज्य स्तर पर चुनाव नहीं हो रहे हैं। ना तो अध्यक्ष पद के लिए वोटरों की संख्या बताई जा रही है। शर्मा के सवाल उठाने के बाद सोनिया गांधी ने कांग्रेस इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन मधुसूदन मिस्त्री को इसे देखने का आदेश दिया था। साथ ही आनंद शर्मा कांग्रेस में बागी गुट G-23 के सबसे मुखर सदस्यों में से एक रहे हैं। शर्मा ने पहली बार G-23 को कांग्रेस की आत्मा बताया था। 2020 से कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ बागी रुख अपनाने वाले शर्मा की गिनती कभी गांधी परिवार के करीबी नेताओं में होती थी।
आपको बता दे गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद पिछले 5 दिनों में शर्मा उनसे दो बार मिल चुके हैं। मंगलवार को आनंद शर्मा और भूपिंदर सिंह हुड्डा आजाद से मिलने पहुंचे थे। तीनों के बीच करीब 2 घंटे तक बातचीत हुई। इससे पहले, आनंद शर्मा 27 अगस्त को आजाद से मिलने उनके सरकारी आवास भी गए थे।