तेलंगाना ,14 जून 2021
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने दी चेतावनी, राज्य के विकास के लिए सख्ती अपनाने और जिला अधिकारियों के प्रदर्शन को जांच के दायरे में रखने का फैसला किया है, जिसके तहत वह राज्य के गांवों और कस्बों का किसी भी समय अचानक दौरा कर सकते हैं और जहां भी विकास कार्यों में सुस्ती देखी जाएगी, वहां के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है
मुख्यमंत्री ने रविवार को प्रगति भवन में अतिरिक्त कलेक्टरों और जिला पंचायत अधिकारियों के साथ ग्रामीण और शहरी विकास पर समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी जो हर गांव और नगर निकाय में, नागरिक सुविधाओं में सुधार करने का लक्ष्य हासिल करने में असफल रहते हैं.
मुख्यमंत्री KCR ने अतिरिक्त कलेक्टरों और जिला पंचायत अधिकारियों से कहा कि अधिकारी गांवों के विकास पर उतना ध्यान नहीं दे रहे हैं जितना उन्हें देना चाहिए. उन्होंने कड़े शब्दों में कहा, “मैं आप सभी को अपने-अपने क्षेत्रों को व्यवस्थित करने और उनके विकास कार्यों में सुधार लाने के लिए 20 जून तक का समय देता हूं. इसके बाद मैं निरीक्षण शुरू कर दूंगा. अगर यह सुस्ती जारी रही तो सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी के भी किसी तरह के बहाने पर ध्यान नहीं दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह खुद भी एक जिले को गोद लेंगे और व्यक्तिगत रूप से विकास के कार्यक्रमों में भाग लेंगे. उन्होंने जिला अपर कलेक्टरों, जिला पंचायत राज विभाग, नगर निगम विभाग के अधिकारियों को फोन कर कहा कि वे गांवों और शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए इस तरह प्रतिबद्ध होकर काम करें, जैसे कि वे कोई पवित्र यज्ञ कर रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ‘राज्य में शौचालयों का निर्माण और रखरखाव अच्छी तरह से किया जाना चाहिए, साथ ही अधिकारियों को इस बात का अध्ययन करना चाहिए कि विदेशों में शौचालयों का रखरखाव कैसे किया जाता है.’
उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस महामारी और अन्य बीमारियों के खतरे को देखते हुए राज्य में चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत किए जाने का प्रयास किया जाए.इसी के साथ, बैठक में राव ने ये भी सुझाव दिया कि अधिकारियों को ‘हरिता हराम’ कार्यक्रम के तहत राज्य में एक वृक्षारोपण कार्यक्रम भी शुरू करना चाहिए, क्योंकि बारिश का मौसम शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि उनके अचानक दौरे का मकसद वृक्षारोपण और अन्य कार्यक्रमों में हुए विकास की जांच करना भी है.