उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि राज्य में 7500 से अधिक मदरसे बिना मान्यता के चल रहे थे। सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करने वाले गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों को मान्यता देने के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि गैर मान्यता प्राप्त सभी मदरसों पर अब एक उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी फैसला लेगी.
उल्लेखनीय है कि मदरसों के सर्वे को लेकर सभी जिलाधिकारी 15 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे. इसके बाद ही गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की अंतिम सूची जारी की जाएगी. इस मामले में उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के प्रमुख इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा है कि गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में सटीक आंकड़े सामने आने में समय लगेगा. हालांकि अनुमान के मुताबिक करीब 7500 ऐसे मदरसे हैं, जिनका गुरुवार तक 75 जिलों की टीमों ने सर्वे किया था।
इफ्तिखार ने आगे कहा कि यूपी में 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जिनमें से 560 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को वेतन के रूप में सरकारी अनुदान प्रदान किए जा रहे हैं। 560 मदरसों के शिक्षण स्टाफ का वेतनमान केंद्र सरकार के स्कूलों के समान है। बता दें कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत 744 मदरसों को शिक्षा मित्रों के लिए अनुदान दिया जाता है। साथ ही सभी मान्यता प्राप्त मदरसों के मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति भी दी जाती है।