मुंबई, 04 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। शिवसेना (उद्धव) के नेता और विधान परिषद सदस्य अनिल परब ने ऐलान किया है कि वे पूर्व मंत्री रामदास कदम के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करेंगे। उन्होंने कहा कि केस से मिलने वाली राशि महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद के लिए दी जाएगी। वहीं, उद्धव ठाकरे ने पुणे में मीडिया से बात करते हुए कदम को गद्दार और नमक हराम करार दिया। दरअसल, 2 अक्टूबर को गोरेगांव में शिवसेना के दशहरा कार्यक्रम के दौरान रामदास कदम ने दावा किया था कि नवंबर 2012 में बालासाहेब ठाकरे की मृत्यु की खबर दो दिन बाद सार्वजनिक की गई थी और उनका शव दो दिन पहले ही मातोश्री में रखा गया था। कदम ने यह भी आरोप लगाया कि बालासाहेब की मौत के बाद उद्धव ठाकरे ने उनके फिंगरप्रिंट लिए और उन्होंने नार्को टेस्ट की मांग तक कर डाली।
अनिल परब ने इन दावों को झूठा बताते हुए कहा कि शव को बिना कॉफिन मॉर्च्युरी में नहीं रखा जा सकता, ऐसे में कदम का बयान पूरी तरह बेबुनियाद है। उन्होंने बताया कि जब बालासाहेब जीवित थे, तब उनके हाथ का मोल्ड तैयार किया गया था, जिसे पहले सहारा क्रिकेट स्टेडियम में रखा गया और बाद में उद्धव ठाकरे के पीछे सजाया गया। इससे साफ है कि अंगूठे के निशान लेने का आरोप निराधार है। परब ने सवाल उठाया कि अगर कदम को उद्धव ठाकरे इतने बुरे लगते थे तो वे 2014 से 2019 के दौरान फडणवीस सरकार में शिवसेना (अविभाजित) से मंत्री क्यों बने रहे। उन्होंने यह भी कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने ही कदम के बेटे योगेश को टिकट दिया था, जो वर्तमान में फडणवीस सरकार में राज्यमंत्री हैं।
कदम ने भी पीछे हटने से इनकार किया और 3 अक्टूबर को फिर से उद्धव पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि बालासाहेब ठाकरे के निधन के बाद जब शरद पवार मातोश्री पहुंचे थे तो उन्हें शव देखने की अनुमति नहीं दी गई। कदम ने दावा किया कि उस समय वे खुद मौजूद थे और पवार ने भी सवाल उठाया था कि शव को क्यों परेशान किया जा रहा है। कदम ने कहा कि वे अपने बयान पर कायम हैं और जल्द ही बालासाहेब की वसीयत से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करेंगे।